
क्या क्रिप्टो मार्केट में एंट्री की तैयारी कर रहा है Zerodha, मिले संकेत
भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग का माहौल लगातार बदल रहा है। टैक्सेशन और रेगुलेटरी ग्रे एरिया के बावजूद भारतीय निवेशकों की दिलचस्पी क्रिप्टो में बनी हुई है। खासकर, फ्यूचर्स और ऑप्शंस जैसे डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। इसी बीच, Zerodha के को-फाउंडर और भारतीय अरबपति Nithin Kamath का बयान सुर्खियों में आया है। उन्होंने भारत में क्रिप्टो फ्यूचर्स और ऑप्शंस की बढ़ती डिमांड पर हैरानी जताई और इसे "रेगुलेटरी ग्रे जोन" और "लोअर टैक्स बेनिफिट्स" से जोड़कर देखा।
इस बयान से यह सवाल उठ रहा है कि क्या Zerodha खुद भी क्रिप्टो मार्केट में एंट्री की तैयारी कर रहा है?

Source - यह तस्वीर Zerodha Founder Nithin Kamath की LinkedIn पोस्ट से ली गई है।
Nithin Kamath का बयान और संकेत
Nithin Kamath ने हाल ही में कहा,"ये भारतीय क्रिप्टो प्लेटफॉर्म रेगुलेटरी ग्रे ज़ोन में फलते-फूलते दिख रहे हैं और इसका कारण कम कर और डेरिवेटिव में अत्यधिक उत्तोलन है।"
उनका यह कहना इस बात की ओर इशारा करता है कि वे भारतीय क्रिप्टो मार्केट के उभार को ध्यान से देख रहे हैं। जिरोधा फिलहाल स्टॉक्स, डेरिवेटिव्स, म्यूचुअल फंड्स और बॉन्ड्स जैसी सर्विसेज़ देता है, लेकिन क्रिप्टो ट्रेडिंग इसमें शामिल नहीं है।
बावजूद इसके, Zerodha जैसे बड़े प्लेयर का क्रिप्टोकरेंसी पर पब्लिकली स्टेटमेंट देना इस बात का संकेत हो सकता है कि वे इस सेक्टर की ग्रोथ पर नजर रखे हुए हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं क्रिप्टो फ्यूचर्स और ऑप्शंस?
भारत में क्रिप्टो फ्यूचर्स और ऑप्शंस का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। इसकी मुख्य वजहें हैं:
- टैक्सेशन का फर्क
- स्पॉट ट्रेडिंग पर 1% TDS हर ट्रांजैक्शन पर कटता है और प्रॉफिट पर 30% टैक्स लगता है।
- वहीं, फ्यूचर्स ट्रेडिंग पर TDS नहीं लगता क्योंकि यह सीधे क्रिप्टो एसेट्स पर नहीं बल्कि डेरिवेटिव्स पर आधारित होती है।
- स्पॉट ट्रेडिंग पर 1% TDS हर ट्रांजैक्शन पर कटता है और प्रॉफिट पर 30% टैक्स लगता है।
- लोअर टैक्स स्लैब का फायदा
- फ्यूचर्स से होने वाली इनकम "income from other sources" मानी जाती है, जो इनकम स्लैब के हिसाब से टैक्सेबल है।
- कई ट्रेडर्स फैमिली मेंबर्स के नाम से अकाउंट खोलकर टैक्स लोड कम कर रहे हैं।
- फ्यूचर्स से होने वाली इनकम "income from other sources" मानी जाती है, जो इनकम स्लैब के हिसाब से टैक्सेबल है।
- INR में मार्जिन स्वीकारना
- भारतीय एक्सचेंज अब INR में मार्जिन लेने लगे हैं, जिसे बाद में USDT में कन्वर्ट कर Binance जैसे ग्लोबल एक्सचेंज पर काउंटर-ट्रेड किया जाता है।
- इसका फायदा यह है कि एक बार लिए गए मार्जिन से कई बार फ्यूचर्स ट्रेड किया जा सकता है, बिना बार-बार TDS चुकाए।
- भारतीय एक्सचेंज अब INR में मार्जिन लेने लगे हैं, जिसे बाद में USDT में कन्वर्ट कर Binance जैसे ग्लोबल एक्सचेंज पर काउंटर-ट्रेड किया जाता है।
Zerodha की स्ट्रेटेजिक और संभावित एंट्री
जिरोधा ने अब तक क्रिप्टो को अपने प्लेटफॉर्म में शामिल नहीं किया है, लेकिन Nithin Kamath के बयान से यह साफ है कि कंपनी क्रिप्टो सेक्टर को नज़रअंदाज़ नहीं कर रही।
भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन अगर स्पष्ट हो जाता है और टैक्सेशन फ्रेमवर्क में कुछ राहत मिलती है, तो Zerodha जैसे बड़े ब्रोकर्स के लिए यह सेक्टर आकर्षक हो सकता है।
- संभावना 1 - Zerodha सीधे स्पॉट क्रिप्टो ट्रेडिंग की बजाय क्रिप्टो फ्यूचर्स और ऑप्शंस जैसे रेगुलेटेड प्रोडक्ट्स से शुरुआत करे।
- संभावना 2 - Zerodha किसी ग्लोबल एक्सचेंज के साथ पार्टनरशिप कर भारत में सीमित-रेगुलेटेड ऑफरिंग्स लॉन्च करे।
- संभावना 3 - क्रिप्टो ETFs या टोकनाइज्ड सिक्योरिटीज़ को अपने प्लेटफॉर्म पर लिस्ट करे।
भारतीय यूजर्स के लिए इसका क्या मतलब?
अगर Zerodha जैसे भरोसेमंद और रेगुलेटेड ब्रोकरेज क्रिप्टो स्पेस में कदम रखते हैं, तो इन्डियन इन्वेस्टर्स को तीन बड़े फायदे हो सकते हैं:
- सेफ और रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म - अभी ज्यादातर क्रिप्टो ट्रेडिंग विदेशी एक्सचेंज पर होती है। जिरोधा जैसे लोकल प्लेयर से यूजर्स को भरोसा मिलेगा।
- लोअर रिस्क और ट्रांसपेरेंसी - जिरोधा का रिकॉर्ड साफ है कि वह रिस्क-मैनेजमेंट और इन्वेस्टर प्रोटेक्शन पर जोर देता है।
- ग्रोथ का अवसर - भारतीय निवेशकों को सीधे अंतरराष्ट्रीय ट्रेंड्स और प्रोडक्ट्स तक पहुंच मिल सकती है।
भारतीय यूजर्स को मिल सकता है रेगुलेटेड क्रिप्टो ट्रेडिंग का अनुभव
मैंने पिछले 13 सालों से भारतीय ट्रेडिंग इकोसिस्टम और क्रिप्टो दोनों को करीब से फॉलो किया है। Zerodha ने भारतीय स्टॉक मार्केट में रिटेल इन्वेस्टर्स को सस्ता और आसान एक्सेस दिया। उसी तरह, अगर जिरोधा क्रिप्टो सेक्टर में उतरता है, तो यह करोड़ों भारतीय निवेशकों के लिए पहली बार रेगुलेटेड क्रिप्टो ट्रेडिंग का एक्सपीरियंस हो सकता है।
मेरे अनुभव में, भारतीय रिटेल निवेशक अक्सर रेगुलेशन और टैक्सेशन को लेकर परेशान रहते हैं। Zerodha अगर सही मॉडल अपनाए, तो यह पूरी क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए ट्रस्ट-बिल्डिंग का काम करेगा।
क्रिप्टो मार्केट को नजरअंदाज नहीं कर रहा Zerodha
मेरी राय में, Zerodha का क्रिप्टो मार्केट में आना केवल समय की बात है। हालांकि कंपनी अभी क्रिप्टो ट्रेडिंग ऑफर नहीं करती, लेकिन नितिन कामथ जैसे बिजनेस लीडर्स का पब्लिक स्टेटमेंट बताता है कि वे इस मार्केट को नजरअंदाज नहीं कर सकते। भारत में क्रिप्टो टैक्सेशन और रेगुलेशन जैसे ही क्लियर होंगे, जिरोधा या इसी तरह के बड़े ब्रोकर्स इसमें कदम रखेंगे।
चूँकि यहाँ गौर करने वाली बात यह है कि Zerodha के Founder का बयान उस समय आया है जब हाल ही में Bitcoin Policy Institute of India Launch किया गया है और भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन को लेकर बात हो रही है।
कन्क्लूजन
भारत में क्रिप्टो फ्यूचर्स और ऑप्शंस की तेजी ने सभी को चौंकाया है। Zerodha Founder Nithin Kamath का बयान यह संकेत देता है कि क्रिप्टो मार्केट अब मेनस्ट्रीम फाइनेंस की नजरों में है। अगर Zerodha जैसी कंपनियां इसमें उतरती हैं, तो भारतीय यूजर्स को सिक्योर, भरोसेमंद और ट्रांसपेरेंट क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मिल सकता है।