JioBlackrock पार्टनरशिप भारत में क्रिप्टो के नए दौर का संकेत
दुनिया भर में इन्वेस्टमेंट और फाइनेंस को लेकर माहौल तेजी से बदल रहा है, भारत में भी हाल ही में हुई JioBlackRock पार्टनरशिप इस ग्लोबल चैंज को इंट्रोड्यूस करती दिखाई दे रही है। भारत में अब भी क्रिप्टोकरेंसी जैसे नए इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स को लेकर उस तरह का उत्साह नहीं देखने को मिल पा रहा है जो स्टॉक मार्केट को लेकर 90 के दशक में देखा गया था।
इसका सबसे बड़ा कारण है, बड़े और ट्रेडिशनल इंडियन इन्वेस्टमेंट इंस्टीटूशन्स की क्रिप्टो मार्केट से दुरी और भारतीय सरकार की अस्पष्ट क्रिप्टो पालिसी। लेकिन हाल ही में हुई JioBlackRock पार्टनरशिप कुछ ऐसे संकेत दे रही है, जिससे यह स्थिति बदलने की संभावनाओं को तेजी से बल मिल रहा है।

ऐसे में जब India में Cryptocurrency Law को लेकर चर्चाएँ जोर पकड़ रही है, तो सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या यह पार्टनरशिप भारत में क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट को नई दिशा दे सकती है?
Jio और BlackRock की पार्टनरशिप : बड़े नाम, नयी उम्मीदें
Jio Financial Services और ग्लोबल इन्वेस्टमेंट फर्म BlackRock ने मिलकर JioBlackRock Mutual Fund की शुरुआत की है। 26 मई 2025 को SEBI से फाइनल मंजूरी मिलने के बाद कंपनी ने अपना डिजिटल प्लेटफॉर्म भी लांच कर दिया है।
यह प्लेटफॉर्म शुरुआत में म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट पर फोकस करेगा, लेकिन इसकी टेक्नोलॉजी और विज़न को देखते हुए माना जा रहा है कि आने वाले समय में यह डिजिटल एसेट्स यानी क्रिप्टो जैसे नए ऑप्शन की तरफ भी बढ़ सकता है। खास बात ये है कि BlackRock का क्रिप्टो फंड्स में पहले से ही मजबूत रिकॉर्ड रहा है, जबकि Jio भारत में रिवोल्यूशनरी प्रोडक्ट्स के इंट्रोडक्शन के लिए जाना जाता है।
क्रिप्टो में BlackRock की सफलता: क्या JioBlackRock भी इसी राह पर चलेगा?
BlackRock का iShares Bitcoin Trust (IBIT) आज दुनिया का सबसे बड़ा Bitcoin ETF बन चुका है। लॉन्च के सिर्फ 341 दिनों के अंदर इसने $70 बिलियन से ज़्यादा का इन्वेस्टमेंट जुटाया था, ये किसी भी ETF के लिए सबसे तेज़ ग्रोथ थी।
IBIT की कामयाबी दिखाती है कि BlackRock क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट को लेकर कितनी सीरियस और केपेबल है। अगर भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन स्पष्ट होते हैं, तो JioBlackRock जैसी जॉइंट वेंचर भारत में क्रिप्टो ETF या डिजिटल इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स ला सकती है, जो करोड़ों इन्वेस्टर्स को क्रिप्टो में सिक्योर और रेगुलेटेड तरीके से इन्वेस्टमेंट करने का ऑप्शन अवेलेबल करवाएगा।
भारत में क्रिप्टो का स्टेटस: सुप्रीम कोर्ट, RBI और सरकार का रुख
भारतीय सरकार ने क्रिप्टो से प्रॉफिट पर तो 30% टैक्स तो लगाया है, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट पॉलिसी नहीं लेकर आई है। जिसके कारण फिलहाल भारत में क्रिप्टो न तो पूरी तरह बैन है और न ही पूरी तरह लीगल, यह एक अनरेगुलेटेड ग्रे ज़ोन में है।
दूसरी और हाल ही में एक मामले पर सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है कि क्रिप्टो रेगुलेशन पर अब तक स्पष्ट पॉलिसी क्यों नहीं है। यहाँ तक की कोर्ट ने अस्पष्ट रेगुलेशन की कमी के कारण बिटकॉइन ट्रेडिंग को “हवाला के नए रूप” जैसा बताया था। जिसके बाद वित्त मंत्रालय की एक कमेटी इस पर काम कर रही है, और जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है।
इसी बीच JioBlackRock की यह पार्टनरशिप सामने आई है, जिसे विश्लेषक भारत में किसी बड़े क्रिप्टो डेवलपमेंट के एक सिग्नल की तरह देख रहे हैं।
कन्क्लूज़न
JioBlackRock फिलहाल एक म्यूचुअल फंड कंपनी है, लेकिन इस पार्टनरशिप के समय और Jio के इतिहास को देखा जाए तो यह भारत में इन्वेस्टमेंट के नए युग की शुरुआत का संकेत भी दे रही है। अगर भारत में क्रिप्टो को लेकर पॉलिसी क्लियर होती है, तो JioBlackRock जैसे इंस्टीटूशन्स क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट को मेनस्ट्रीम में ला सकते है, आसान भाषा में कहें, तो आम इन्वेस्टर्स के लिए भी सिक्योर्ड क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट ऑप्शन ला सकते हैं।
इस समय जब भारत में क्रिप्टो को लेकर नयी पॉलिसी आने की चर्चा जोरो पर है, JioBlackRock की यह पार्टनरशिप आने वाले समय की तैयारी की तरह दिखाई दे रही है।