PDAA बनाकर फिर आगे निकला Pakistan, क्या होगा India का जवाब
पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में Pakistan Digital Assets Authority (PDAA) की घोषणा कर यह साफ कर दिया है कि वह क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन को लेकर अब पीछे नहीं रहना चाहता। PDAA का मुख्य उद्देश्य देश में डिजिटल करेंसी, वॉलेट्स और ब्लॉकचेन-बेस्ड एप्लिकेशनों को रेगुलेट करना है। यह कदम न केवल यूजर्स की सिक्योरिटी सुनिश्चित करेगा, बल्कि पाकिस्तान को वेब3 टेक्नोलॉजी में एक हब के रूप में स्थापित करने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब का यह बयान कि “हमें केवल नियमों का पालन नहीं करना, बल्कि नेतृत्व करना है,” यह साफ दर्शाता है कि पाकिस्तान अब डिजिटल इकॉनमी में सक्रिय भूमिका निभाने की तैयारी में है। पाकिस्तान डिजिटल एसेट्स अथॉरिटी (PDAA) न सिर्फ क्रिप्टो और डिजिटल एसेट्स के लिए रेगुलेशन तैयार करेगा, बल्कि सरकारी संपत्तियों को टोकन में बदलने और अतिरिक्त बिजली का उपयोग Bitcoin Mining में करने की संभावनाओं पर भी काम करेगा। PDAA का गठन पाकिस्तान को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।
India vs Pakistan, आबादी में अंतर, सोच में बदलाव?
जहाँ पाकिस्तान की कुल जनसंख्या लगभग 30 से 40 करोड़ के बीच है, वहीं भारत में क्रिप्टो निवेशकों की संख्या 20 करोड़ से भी अधिक बताई जाती है। मेरी व्यक्तिगत राय में यह आंकड़ा अब लगभग 30 करोड़ तक पहुंच चुका है। इनमें से लाखों यूज़र्स न केवल Cryptocurrency Trading में सक्रिय हैं, बल्कि NFT, Web3 और ब्लॉकचेन डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में भी हिस्सा ले रहे हैं।
यह तुलना दर्शाती है कि भारत में क्रिप्टो को लेकर लोगों में कितना अधिक उत्साह है। जहाँ पाकिस्तान PDAA बना चुका है वहीँ भारत सरकार की नीति अब तक काफी सख्त रही है। 30% टैक्स और 1% TDS जैसे नियमों ने खासकर छोटे और ट्रेडिशनल निवेशकों को इस बाजार से दूर कर दिया है।
हाल ही में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से यह सवाल किया कि जब सरकार टैक्स वसूल रही है, तो उचित रेगुलेशन क्यों नहीं बना रही? यह एक अहम संकेत हो सकता है कि सरकार अब अपनी क्रिप्टो नीति में संभावित बदलाव की दिशा में सोच रही है।
ग्लोबल प्रेसर और भारत का संभावित कदम
दुनिया भर में अब सभी देश Bitcoin Reserve बना रहे हैं और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को सरकारी योजनाओं में शामिल कर रहे हैं। USA, UAE और Japan जैसे देशों ने पहले ही Web3 और ब्लॉकचेन को मेनस्ट्रीम में ला दिया है। पाकिस्तान का PDAA उसी दिशा में एक कदम है, जिसने भारत को भी अब जवाब देने की स्थिति में ला दिया है।
भारत सरकार को यह समझने की जरूरत है कि देश की युवा आबादी क्रिप्टो, Web3, AI और 5G जैसी उभरती तकनीकों को तेजी से अपना रही है। यह वही जनरेशन है जो आने वाले वर्षों में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व कर सकती है। अगर सरकार अब भी इस क्षेत्र को लेकर ठोस और प्रगतिशील नीति नहीं अपनाती, तो इससे न केवल अरबों डॉलर के संभावित निवेश का नुकसान होगा, बल्कि भारत तकनीकी क्रांति की इस दौड़ में अन्य देशों से पीछे भी छूट सकता है। समय पर निर्णय लेना अब बेहद आवश्यक हो गया है।
कन्क्लूजन
Pakistan के PDAA की घोषणा ने India को एक संकेत दे दिया है, या तो आगे बढ़ो या पीछे छूट जाओ। भारत के पास संसाधन, टेक्नोलॉजी, प्रतिभा और जनसंख्या सब कुछ है। केवल आवश्यकता है एक स्पष्ट और प्रगतिशील नीति की, जो निवेशकों का विश्वास बढ़ाए और देश को क्रिप्टो एवं ब्लॉकचेन में ग्लोबल लीडर बनाए। PDAA के साथ जहाँ पाकिस्तान अब इनोवेशन के लिए रास्ता बना रहा है, वहीं भारत को भी चाहिए कि वह सुप्रीम कोर्ट के सवालों का सकारात्मक जवाब देकर, एक रेगुलेटेड, लेकिन उत्साहजनक क्रिप्टो इकोसिस्टम बनाए। तभी भारत इस डिजिटल रेस में न केवल टिक पाएगा, बल्कि आगे भी निकल सकता है।