Pi Network ने अपने यूज़र्स को KYC प्रोसेस को 14 मार्च तक पूरा करने की वार्निंग दी है। अगर यूज़र्स इस डेट तक KYC प्रोसेस पूरी नहीं करते हैं, तो उन्हें अपने माइन किए गए टोकन में से कुछ टोकन को खोने का खतरा हो सकता है। इस कदम का उद्देश्य Pi Network के यूज़र्स को एक बार फिर से मेननेट में माइन किए गए टोकन को सेफ तरीके से ट्रांसफर करने के लिए इंस्पायर करना है। पहले Pi Network KYC के लिए लास्ट डेट 28 फरवरी थी। इसके बाद 1 मार्च को Pi Network KYC और Mainnet Migration डेडलाइन 14 मार्च तक बढ़ी, जो लास्ट बार बढ़ाई गई है और इसके बाद अब यूज़र्स को मौका नही मिलेगा। इसलिए Pi Network ने अब अपने यूज़र्स के को एक महत्वपूर्ण वार्निंग दी है, क्यूंकि 14 मार्च अब क़रीब है और यह वार्निंग यूज़र्स के लिए एक रिमाइंडर भी हो सकता है।
Pi Network ने अपने यूज़र्स को यह आखिरी वार्निंग दी है कि यदि वे KYC प्रोसेस को 14 मार्च से पहले पूरा नहीं करते हैं, तो उन्हें अपने पिछले मोबाइल बैलेंस के अधिकांश हिस्से को खोना पड़ सकता है। इस बदलाव से Pi Network के यूज़र्स के बीच कई प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ यूज़र्स एक्स्ट्रा टाइम मिलने से खुश हैं, जबकि अन्य इस डेडलाइन के आगे बढ़ने से, प्रोजेक्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। खास बात यह है कि Pi Network ने पहले भी कई बार KYC की टाइम लिमिट बढ़ाई थी, जिस कारण कुछ यूज़र्स इसे एक धोखा मान रहे हैं।
इसके साथ ही KYC प्रोसेस के दौरान यदि किसी का नाम या फोन नंबर गलत तरीके से दर्ज हो जाता है, तो Pi Network ने अब इसे सुधारने के लिए कुछ सॉल्यूशन भी दिए हैं। Pi Network ने कहा है कि यूज़र्स जिनके नाम में गलतियाँ हैं, वे एक बार फिर से एप्लीकेशन कर सकते हैं और अपनी इन्फॉर्मेशन अपडेट कर सकते हैं। हालांकि, ऐसा करने पर वह अपने मोबाइल बैलेंस का कुछ हिस्सा खो भी सकते है। इसके अलावा, जो यूज़र्स अपने फोन नंबर में दो नंबर्स की गलतियों को सुधारना चाहते हैं, उन्हें भी इसकी परमिशन दी गई है, लेकिन यह बदलाव केवल दो नंबर्स तक ही लिमिटेड रहेगा, ताकि फ्रॉड और हैकिंग से बचा जा सके।
Pi Network का मुख्य उद्देश्य एक डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी बनाना है और इसके लिए Pi Network KYC Verification Process को पूरा करना बहुत ज़रूरी है। यह प्रोसेस न केवल यूज़र्स की आइडेंटिटी को वेरीफाई करती है, बल्कि टोकन के वैलिड यूज़ और सेफ्टी सुनिश्चित करने में भी मदद करती है। Pi Network के डेवलपमेंट के बावजूद, यह प्रोसेस विवादों से घिरी हुई है और इसकी स्टेब्लिटी को लेकर भी सवाल उठते रहते हैं। हालांकि, Pi Network के डेवेलपर्स ने यह विश्वास दिलाया है कि यह लास्ट डेडलाइन है और उसके बाद कोई और विस्तार नहीं होगा।
इस वार्निंग को देखते हुए, Pi Network के सभी यूज़र्स को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द अपनी KYC प्रोसेस पूरी करें, ताकि वे अपने माइन किए गए टोकन को खोने से बच सकें और Pi Network Open Network का लाभ उठा सकें।
Pi Network ने अपनी KYC प्रोसेस को पूरा करने के लिए 14 मार्च तक का समय दिया है और अगर इस डेडलाइन तक KYC कम्प्लीट नहीं हुई तो, यूज़र्स के लिए अपने माइन किए गए टोकन खोने का खतरा बढ़ सकता है। Pi Network के यूज़र्स को इस वार्निंग को गंभीरता से लेना चाहिए और समय रहते अपनी KYC प्रोसेस पूरी करनी चाहिए, ताकि वे किसी भी प्रकार के नुकसान से बच सकें। हालांकि, Pi Network के द्वारा बार-बार डेडलाइन बढ़ाने के कारण कुछ यूज़र्स में इसे लेकर डाउट है, लेकिन इस बार डेवलपर्स ने यह क्लियर किया है कि यह लास्ट मौका है। इसलिए, सभी Pioneer के लिए यह एक महत्वपूर्ण टाइम है और उन्हें इस लास्ट मौके का लाभ उठाते हुए अपनी सभी जरूरी इन्फॉर्मेशन सही तरीके से अपडेट करनी चाहिए।
यह भी पढ़िए: भारत 2028 तक बन जाएगा Largest Global Web3 Developer Hubसाक्षी मोदी एक स्किल्ड क्रिप्टो कंटेंट राइटर हैं, जिनका बैकग्राउंड जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में है। वह ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट्स जैसे कॉम्प्लेक्स टॉपिक्स को आसान और क्लियर भाषा में एक्सप्लेन करने में माहिर हैं। साक्षी करीब एक साल से क्रिप्टो इंडस्ट्री में SEO-ऑप्टिमाइज्ड आर्टिकल्स, ब्लॉग्स और न्यूज स्टोरीज़ लिख रही हैं, जिनमें टेक्निकल इनसाइट और क्रिएटिविटी का बैलेंस होता है।
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