
SEC और CFTC ने बदलें Crypto Trading Policy, क्या होगा इसका असर
अमेरिका की दो बड़ी फाइनेंशियल रेगुलेटरी एजेंसियां SEC (Securities and Exchange Commission) और CFTC (Commodity Futures Trading Commission) ने एक संयुक्त बयान जारी कर यह स्पष्ट किया है कि उनकी निगरानी में रजिस्टर्ड एक्सचेंजों को कुछ स्पॉट क्रिप्टो एसेट्स की ट्रेडिंग की परमिशन है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो क्रिप्टो मार्केट में क्लैरिटी, स्टेबिलिटी और इनोवेशन को बढ़ावा देने की दिशा में देखा जा रहा है।

Source: यह इमेज U.S. Securities and Exchange Commission की X पोस्ट से ली गई है, जिसकी लिंक यहां दी गई है।
SEC और CFTC की स्पॉट क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर स्पष्टता
इस संयुक्त बयान का मुख्य उद्देश्य यह बताना है कि क्रिप्टो एक्सचेंजों को अब स्पॉट क्रिप्टो ट्रेडिंग से नहीं रोका जाएगा, शर्त ये होगी की वे SEC और CFTC के नियमों के तहत रजिस्टर्ड हों। इससे पहले, अमेरिका में Spot Crypto Trading को लेकर कानूनी असमंजस था, जिससे कई एक्सचेंज कानूनी पचड़ों में फंसे और इनोवेशन में रुकावट आई।
Crypto Exchanges पर क्या होगा इस फैसले का असर
इस फैसले का सीधा फायदा अमेरिका में काम कर रहे क्रिप्टो एक्सचेंजों को मिलेगा।
- निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा: जब एक्सचेंजों को सरकारी एजेंसियों से मान्यता मिलती है, तो आम निवेशक भी ज्यादा विश्वास के साथ ट्रेडिंग करते हैं। इससे एक्सचेंजों पर निवेश बढ़ सकता है।
- इंस्टीट्यूशनल निवेश को मिलेगा बढ़ावा: बैंकों, म्यूचुअल फंड्स और बड़ी फाइनेंशियल आर्गेनाइजेशन को अब एक स्पष्ट रास्ता मिल गया है, जिससे वे क्रिप्टो मार्केट में हिस्सा ले सकते हैं।
- ग्लोबल रूप से कॉम्पीटीशन का बढ़ना: पहले अमेरिका के सख्त नियमों के कारण कई एक्सचेंज एशिया या यूरोप की तरफ रुख कर रहे थे। अब स्थिति बदल सकती है और अमेरिका फिर से क्रिप्टो इनोवेशन का सेंटर बन सकता है।
- कंप्लायंस और ट्रांसपेरेंसी में सुधार: अब यह स्पष्ट है कि रजिस्टर्ड एक्सचेंज स्पॉट ट्रेडिंग कर सकते हैं, तो कंपनियां बेहतर निगरानी, AML (Anti-Money Laundering) और KYC (Know Your Customer) जैसे नियमों का पालन करेंगी, जिससे मार्केट ज्यादा ट्रांसपेरेंट होगा।
नए दौर की शुरुआत
SEC Chairman Paul Atkins ने कहा, यह Sec Cftc Staff Issue Joint Statement अमेरिका में क्रिप्टो मार्केट्स में इनोवेशन को वापस लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मार्केट पार्टिसिपेंट्स को यह स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वे कहां ट्रेड करें।
वहीं CFTC की Executive Chairman Carolyn Pham ने यह स्पष्ट किया कि पिछले प्रशासन के एक जैसे संकेतों के कारण मार्केट में भ्रम था। अब ट्रंप प्रशासन की नीति के अनुसार, इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा और अमेरिका को फिर से क्रिप्टो कैपिटल बनाने की दिशा में काम होगा।
इस फैसले से क्या हो सकते हैं जोखिम
इस फैसले से क्रिप्टो मार्केट में नई एनर्जी आ सकती है, लेकिन कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं। 2024 में MIT की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि अगर SEC और CFTC के नियमों में तालमेल नहीं हुआ, तो मार्केट में अस्थिरता बढ़ सकती है। यानी कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
हालांकि, अब दोनों एजेंसियों ने मिलकर यह साफ कर दिया है कि वे साथ मिलकर काम करेंगी, जिससे नियमों में भ्रम नहीं रहेगा और मार्केट को स्थिर रखने में मदद मिलेगी। इससे निवेशकों को भी ज्यादा भरोसा मिलेगा और क्रिप्टो का डेवलपमेंट सही रूप से हो सकेगा।
क्या होगा भविष्य
यह पहल SEC की “Project Crypto” और CFTC की “Crypto Sprint” का हिस्सा है। यह फैसला 2025 की उस सरकारी रिपोर्ट के अनुसार है, जिसमें सुझाव दिया गया था कि क्रिप्टोकरेंसी को भी आम बैंकिंग और फाइनेंशियल सिस्टम का हिस्सा बनाया जाए। इसका मतलब है कि क्रिप्टो को अब सिर्फ डिजिटल करेंसी नहीं, बल्कि एक मैनस्ट्रीम की फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी के रूप में देखा जा रहा है।
एक NBER (National Bureau of Economic Research) की रिपोर्ट के अनुसार, यदि इस तरह की रेगुलेटरी स्पष्टता बनी रही, तो अगले दो वर्षों में क्रिप्टो मार्केट कैपिटलाइजेशन में 20% की बढ़ोतरी हो सकती है।
कन्क्लूजन
SEC और CFTC की इस संयुक्त घोषणा से क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए एक नई शुरुआत का रास्ता खुल गया है। अब एक्सचेंज ज्यादा भरोसे के साथ काम कर सकेंगे, जिससे निवेशकों का विश्वास भी लौटेगा। यह कदम सिर्फ अमेरिका में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में अमेरिका की छवि को मजबूत कर सकता है। अगर यह पॉलिसी इसी तरह आगे बढ़ती रही, तो क्रिप्टो मार्केट पहले से ज्यादा सिक्योर, ट्रांसपेरेंट और आसान बन जाएगा। इससे आम लोगों और बड़ी कंपनियों के लिए भी क्रिप्टो में निवेश करना आसान हो जाएगा।