Treasure NFT के Kashmir Connection की बात आई सामने, जाने डिटेल्स
Treasure NFT Withdrawal से पहले इसे लेकर बड़ा खुलासा
Treasure NFT Withdrawal कब होगा, इस बात को लेकर सभी चिंतित हैं। इसको लेकर Updates और Treasure NFT Real है या Fake, की जांच के क्रम में हमने जो रिसर्च की उनमें कई चौकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ। आइये जानते हैं इसके Kashmir Connection के बारे में।
TreasureNFT का Headquarter बताया गया है Kashmir का Riyasi

Source: Google
TreasureNFT Google Buisness Account पर इसे Online Share Trading Centre के रूप में बताया गया है। जिसका Headquarter Sharjoo, Jammu & Kashmir में है। Sharjoo, J&K के Riyasi जिले में मौजूद एक छोटा सा क़स्बा है, जिसकी कुल आबादी केवल 4000 है।
एक कंपनी जो आज कल BlackRock जैसी प्रतिष्ठित संस्था के साथ Partnership करने का दावा कर रही हो, का ऐसी जगह स्थित होना समझ से परे है। इसके साथ ही इससे जुड़े सोशल मीडिया हैंडल के अनुसार Steven Alexender को CEO और Founder को कश्मीर से इस तरह का बिसनेस शुरू करने की परमिशन मिली हो ऐसा होना भी संभव नहीं दिखाई देता।
इसके अकाउंट से जोड़ी गयी वेबसाइट Treasure Fun है, जो Treasure NFT की रीब्रान्डिंग ही है। यह Google Buisness Profile भले ही फर्जी दिखाई देती हो लेकिन इससे जुडी वेबसाइट का TreasureNFT से सीधा कनेक्शन है। अब लाखों लोगो के पैसे हड़प कर गायब यह प्लेटफार्म क्या सच में इस छोटे से कस्बे से ऑपरेट हो रहा है, यह जांच का विषय है।
Blackrock Treasure NFT Acquisition की खबर भी निकली फर्जी
इस प्लेटफार्म से जुड़े कई हैंडल से पिछले कुछ दिनों से Blackrock जैसे प्रतिष्ठित एसेट मेनेजर के साथ पार्टनरशिप की बात कही जा रही है। ऐसे बड़े और प्रतिष्ठित प्लेटफार्म के साथ कनेक्शन के कारण यूज़र्स का भरोसा इसपर फिर से लौटने की सम्भावना थी। लेकिन हमने जांच में पाया Blackrock Treasure NFT Acquisition की खबर फर्जी है। इस तरह के किसी भी इन्वेस्टमेंट का जिक्र Blackrock द्वारा नहीं किया गया है।
कई महीनों से नहीं हुआ है Withdrawal
प्लेटफार्म से विड्रोल के लिए कई महीनों से यूज़र्स इन्तजार कर रहे हैं लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है। कंपनी से जुड़े कई सोशल मीडिया हैंडल अब 1 December को Withdrawal की नयी तारीख बता रहे हैं। जबकि कुछ अकाउंट से Nova NFT पर इसके डाटा माइग्रेशन के बाद ऐसा होने की बात कही जा रही है।
हालांकि कई महीनों से यह मामला ऐसे ही अटका हुआ है, इसके पहले 1 November को विड्राल की बात कही गयी थी। लेकिन अब भी इसकी कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।
Ponzi Scheme से ज्यादा बड़ा हो सकता है यह मामला
भले ही Bengal Police ने इसे पोंजी स्कीम घोषित कर इस पर कार्यवाही की हो लेकिन यह मामला इससे बड़ा हो सकता है। क्रिप्टो मार्केट में अपने 6 वर्षों के अनुभव के आधार पर में यह कह सकता हूँ की जिस तरह से यह प्लेटफार्म तारीख पर तारीख दे रहा है, यह एक बड़े स्केम में बदल सकता है।
हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कितने यूज़र्स का कितना पैसा इसमें फंसा है, लेकिन इतना तो स्पष्ट है कि बड़ी संख्या में इन्वेस्टर्स फण्ड इसमें फंसे हुए हैं। जिसका वास्तविक आंकड़ा या तो कंपनी के द्वारा खुलासा करने या किसी मजबूत जांच के बाद ही सामने आ सकता है।
कन्क्लूजन
Treasure NFT से जुड़े खुलासे, जैसे कश्मीर के छोटे कस्बे में दर्ज बिज़नेस लोकेशन से लेकर BlackRock पार्टनरशिप जैसी गलत खबरों तक स्पष्ट संकेत देते हैं कि यह प्लेटफॉर्म गंभीर संदेहों के घेरे में है। महीनों से अटके विड्रॉल और लगातार बदलती तारीखें इस पूरे मामले को साधारण पोंजी स्कीम से भी बड़ा बना रही हैं। वास्तविक स्थिति तभी सामने आएगी जब विस्तृत जांच हो और कंपनी ट्रांसपेरेंसी के साथ जानकारी दे।
कुछ भी हो यह बात तो स्पष्ट है कि यूज़र्स को इस प्लेटफार्म को लेकर बहुत ही सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
Disclaimer: यह जानकारी केवल एजुकेशनल पर्पस से लिखी गयी है। क्रिप्टो मार्केट वोलेटाइल है, किसी भी इन्वेस्टमेंट से पहले अपनी रिसर्च जरुर करें।
