Indian Crypto Market become number 1
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Indian Crypto Market, भारत बना बड़ा खिलाड़ी, जानिए पूरी डिटेल्स

Indian Crypto Market 2035 तक पहुँचेगा $15B, जानिए इसके बारे में

Indian Crypto Market बिना आसान रेगुलेशन के भी World’s Largest Cryptocurrency Market बन रहा है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में लगभग 119 मिलियन क्रिप्टोकरेंसी यूजर्स हैं जो भारत को Global Crypto Adoption में नंबर 1 बनाते हैं।

India अब USA, UK और Russia जैसे बड़े देशों से आगे पहुँच गया है और यह साफ दिखाता है कि India तेजी से डिजिटल एसेट्स की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो चुका है।

Indian Crypto Market, भारत बना बड़ा खिलाड़ी, जानिए पूरी डिटेल्स

Source-  यह इमेज Crypto India की X Post से ली गई है।

The Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में Indian Cryptocurrency Market लगभग $2.6 B का है और उम्मीद है कि 2035 तक यह बढ़कर लगभग $15 बिलियन तक पहुँच जाएगा। यह तेज़ वृद्धि 17% से ज़्यादा के CAGR (Compound Annual Growth Rate) को दर्शाती है, जो सिर्फ़ धीरे-धीरे होने वाली बढ़त नहीं, बल्कि देश की डिजिटल एसेट इकॉनमी में एक लॉन्ग टर्म का बड़ा बदलाव दिखाती है।

लेकिन जहाँ यह ग्रोथ क़ाबिल-ए-तारीफ है, वहीं एक बड़ा सवाल भी उठता हैं इतने भारी टैक्स और अस्पष्ट नियमों के बावजूद India में यह क्रिप्टो बूम आखिर चल कैसे रहा है और देश वास्तव में इस इंडस्ट्री में कितना बड़ा बन सकता है? आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।

Indian Crypto Market, टैक्स के बावजूद यूजर्स और डेवलपर्स में रिकॉर्ड बढ़त

India में Cryptocurrency पर 30% Tax और 1% TDS जैसी सख़्त नीतियाँ लागू हैं, लेकिन इसके बावजूद एक्सचेंजों पर ट्रेडिंग, Web3 प्रोजेक्ट्स और ऑन-चेन एक्टिविटी लगातार बढ़ रही है। इसके पीछे कई मजबूत कारण हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं

  • Gen Z और Millennials की Partnership सबसे ज़्यादा है, जो टोटल Crypto Investors का 75% से ज्यादा का हिस्सा बनाते हैं।
  • Cryptocurrency Startups और Web3 इनोवेशन हब तेज़ी से फैल रहे हैं, जिससे नई टेक्नोलॉजी और एडॉप्शन की रफ्तार बढ़ रही है।
  • सरकारी लेवल पर Blockchain शिक्षा और ट्रेनिंग बढ़ रही है, जिससे एक बड़े पैमाने पर स्किल्ड वर्कफोर्स तैयार हो रही है।
  • भारत का Web3 डेवलपर बेस 5 साल में 3% से बढ़कर 12% तक पहुँच गया है, जो दुनिया में सबसे तेज़ ग्रोथ में से एक है।
  • Tokenized Assets, ETFs और Blockchain-Based Bonds तेजी से रफ्तार पकड़ रहे हैं।

इन सभी फैक्टर्स को मिलाकर देखें तो साफ है कि Indian Cryptocurrency Market ग्लोबल लेवल तक जाने की क्षमता से आगे बढ़ रहा है।

टैलेंट से टेक तक, भारत का क्रिप्टो इकोसिस्टम हाई स्पीड ग्रोथ मोड में

Indian Crypto Market Cap फिलहाल $2.6 बिलियन है और एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है कि 2035 तक $15 बिलियन तक पहुँच सकता है। अगर रियल ग्राउंड फैक्टर्स जैसे कि टैलेंट ग्रोथ, यूजर स्पीड, स्टार्टअप बूम और कैपिटल इनफ्लो देखें तो तस्वीर इससे कहीं बड़ी दिखती है।

Indian Crypto Market सिर्फ बढ़ नहीं रहा, बल्कि एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहाँ किसी भी समय जबरदस्त ग्रोथ शुरू हो सकती है। टैलेंट, टेक्नोलॉजी, यूजर बेस और इनोवेशन की रफ्तार बताती है कि आने वाले वर्षों में India ग्लोबल क्रिप्टो मैप पर सिर्फ जगह नहीं बनाएगा बल्कि इसे रीडिफाइन करेगा।

Indian Crypto Market Boom, $30B का लेवल 2033 से पहले संभव, जानिए कैसे

India Cryptocurrency Market 2033 से पहले ही $30 बिलियन का स्तर पार कर सकता है और इसके लिए सिर्फ पॉलिसी में बदलाव भी गेमचेंजर साबित हो सकता है जो इस प्रकार है

  • TDS में कमी-  TDS में कमी होने से ट्रेडिंग वॉल्यूम तुरंत बढ़ेगा।
  • क्रिप्टो गेंस पर इक्विटी जैसा टैक्स-  यह कदम क्रिप्टोकरेंसी को एक वेलिड एसेट क्लास मान्यता देगा और बड़े निवेशकों की एंट्री तेज करेगा।
  • डिजिटल एसेट्स के लिए क्लियर और स्टेबल रेगुलेटरी फ्रेमवर्क-  क्लियरटी आते ही स्टार्टअप्स, एक्सचेंजों और ग्लोबल फंड्स का भारत में आना कई गुना बढ़ जाएगा।
  • Web3 और Blockchain इनोवेशन पर इंसेंटिव- सरकार की तरफ से इंसेंटिव मिलते ही भारत दुनिया का सबसे बड़ा Web3 टैलेंट और प्रोजेक्ट हब बन सकता है।

इन रिपोर्ट्स के आधार पर जो अनुमान लगाए जा रहे हैं, वे भारत की रियल क्रिप्टो क्षमता को पूरी तरह पकड़ ही नहीं पाते और न ही उस तेज दिशा को जिसमें देश आगे बढ़ रहा है। भारत अब सिर्फ दुनिया के साथ कदम मिलाने की कोशिश नहीं कर रहा, बेहद रणनीतिक तरीके से, नींव तैयार कर रहा है जो उसे नेक्स्ट ग्लोबल क्रिप्टो वेव में आगे ला सकती है।

असल सवाल यह नहीं है कि भारत क्रिप्टो में आगे बढ़ रहा है या नहीं बल्कि भारत दुनिया से कितनी तेज़ी से आगे निकलने की तैयारी कर रहा है।

कन्क्लूजन

एक तरफ वह देश है जो लगातार क्रिप्टो को आसान बनाने में लगे हैं, रेगुलेशन स्पष्ट कर रहे हैं, नए फ्रेमवर्क तैयार कर रहे हैं, पॉलिसी-लेवल सपोर्ट दे रहे हैं फिर भी ग्लोबल क्रिप्टो रेस में अपनी पकड़ मजबूत नहीं बना पा रहे।

दूसरी तरफ भारत जहां 30% टैक्स, 1% TDS, क्लियर रूल्स नहीं और इंसेंटिव न होना जैसी प्रॉब्लम हैं फिर भी Indian Crypto Market तेज़ी से ऊपर चढ़ रहा है, यूज़र बेस रिकॉर्ड बना रहा है और Web3 इनोवेशन पूरे देश में फैल रहा है।

ये सभी फैक्टर्स मिलकर भारत को अगली क्रिप्टो साइकल में सिर्फ एक पार्टिसिपेंट नहीं, बल्कि एक पावर सेंटर बनाते हैं।

Disclaimer- यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। क्रिप्टो मार्केट काफ़ी वोलेटाइल है इसलिए निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें।

About the Author Shubham Sharma

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

Shubham Sharma पिछले 4 वर्षों से Web3, ब्लॉकचेन, NFT और क्रिप्टोकरेंसी पर गहराई से लेखन कर रहे हैं। वे मार्केट ट्रेंड्स को जल्दी पहचानने, तकनीकी अपडेट्स को सरल भाषा में समझाने और भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को विश्वसनीय जानकारी प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। Shubham ने कई प्रमुख क्रिप्टो मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए योगदान दिया है और उनका उद्देश्य पाठकों को तेजी से बदलती Web3 दुनिया में सटीक, निष्पक्ष और इनसाइटफुल कंटेंट देना है।

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हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में लगभग 119 मिलियन क्रिप्टो यूजर्स हैं, जो इसे ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन में टॉप बनाते हैं।
The Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार, 2035 तक Indian Crypto Market लगभग $15 बिलियन तक पहुँच सकता है।
भारत में क्रिप्टो पर 30% टैक्स और 1% TDS लागू है, लेकिन इसके बावजूद यूज़र और डेवलपर बेस लगातार बढ़ रहा है।
Gen Z और Millennials का हाई पार्टिसिपेशन, Crypto Startups और Web3 इनोवेशन, Blockchain शिक्षा और ट्रेनिंग, और टोकनाइज्ड Assets की बढ़ती डिमांड प्रमुख कारण हैं।
पिछले 5 साल में भारत का Web3 डेवलपर बेस 3% से बढ़कर 12% तक पहुँच गया है।
TDS में कमी, क्रिप्टो गेंस पर इक्विटी जैसा टैक्स, क्लियर रेगुलेटरी फ्रेमवर्क और Web3/Blockchain पर इंसेंटिव जैसी नीतियाँ इसके मुख्य कारण हैं।
भारत अब USA, UK और Russia जैसे देशों से आगे है और यह तेजी से दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल एसेट मार्केट्स में शामिल हो रहा है।
इसकी CAGR 17% से अधिक है, जो भारत की डिजिटल एसेट इकॉनमी में लॉन्ग टर्म और तेज़ ग्रोथ को दर्शाती है।
टैलेंट ग्रोथ, यूजर बेस की तेजी, स्टार्टअप बूम, कैपिटल इनफ्लो और टेक्नोलॉजी एडॉप्शन इस ग्रोथ को बढ़ावा दे रहे हैं।
हाँ, तेज़ यूज़र ग्रोथ, Web3 इनोवेशन, स्किल्ड डेवलपर बेस और रणनीतिक नीतियों के चलते भारत अगली क्रिप्टो साइकल में पावर सेंटर बन सकता है।
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