Trump-Powell Letter Leak, Crypto Market में दहशत का महौल
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Trump-Powell Letter Leak होने के बाद अमेरिकी पॉलिटिक्स और ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट में दहशत है। लीक हुए पत्र में अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump द्वारा Federal Reserve के Chairman Jerome Powell को हटाने की मंशा ज़ाहिर की गई है। भले ही ट्रम्प के सहयोगियों ने इस पत्र में लिखे हुए चीजों से इनकार कर दिया। लेकिन खबर फैलते ही क्रिप्टो मार्केट में डर का माहौल बन गया है ।
क्रिप्टोकरेंसी जैसे अनस्टेबल फाइनेंशियल रिसोर्सेज पहले से ही मैक्रोइकॉनॉमिक और रेगुलेटरी अनिश्चितताओं से जूझ रहे थे। ऐसे में Trump-Powell Letter Leak ने उस सस्पेंस को और गहरा कर दिया, जिससे इन्वेस्टर्स का भरोसा डगमगाने लगा है।

Source- Brijan Krassenstein x Post
बाजार की प्रतिक्रिया
Trump-Powell Letter Leak के सामने आते ही क्रिप्टो मार्केट में गिरावट देखने को मिली। Bitcoin 6.2% गिरकर $55,000 के करीब जा पहुंचा, जबकि Ethereum $3,100 से गिरकर $2,850 के लेवल पर बंद हुआ। Solana, Cardano और Polygon जैसे Altcoins में 5% से 8% तक की गिरावट देखी गई।
CoinGlass और Binance जैसे एक्सचेंज डाटा के अनुसार, केवल 24 घंटों में $700 मिलियन से अधिक की पोजीशन लिक्विडेट हो गईं। इन्वेस्टर्स ने तेजी से अपने फंड्स को Stablecoins में ट्रांसफर किया जो मार्केट में पैनिक मोड का साफ संकेत है।
मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि यह गिरावट केवल लीक पर प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि इससे उपजे अनुत्तरित सवालों पर आधारित थी। जब तक अमेरिकी एडमिनिस्ट्रेशन इस पर क्लियर एक्सप्लेनेशन नहीं देंगे, तब तक मार्केट में स्टेबिलिटी की उम्मीद कम ही है।
ट्रम्प का इनकार और जनता का संशय
Trump की टीम ने तुरंत ही Trump-Powell Letter Leak को फर्जी और चुनावी साजिश करार दिया। बयान में कहा गया कि Trump कभी भी Powell को हटाने की प्लान्स में शामिल नहीं थे। पब्लिक और एक्सपर्ट्स को ट्रम्प के इनकार पर ट्रस्ट नहीं है। व्हाइट हाउस या फेडरल रिज़र्व की साइलेंस ने इस संदेह को और मज़बूत बना दिया है। इसीलिए Trump–Powell Letter Leak सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि Monetary Policy की अखंडता और स्वतंत्रता पर गहरा सवाल है।
राजनीतिक अस्थिरता बनती जा रही है क्रिप्टो की नई चुनौती
मेरे नज़रिए से, इस पूरी घटना का सबसे अहम पहलू यह है कि Trump-Powell Letter Leak ने दिखा दिया है कि। क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट सिर्फ टेक्नोलॉजी या Blockchain की प्रोग्राम पर डिपेंड नहीं है, बल्कि पॉलिटिकल स्टेबिलिटी और लीडरशिप पर भी है। Trump द्वारा Powell को हटाने की मंशा, यदि सच है, तो यह अमेरिका की Monetary Policy की स्वतंत्रता पर बड़ा सवाल है।
इस प्रकार की खबरें सिर्फ मार्केट को झटका नहीं देतीं, बल्कि यह बताती हैं कि इन्वेस्टर्स कितना भरोसा कर रहे हैं। ऐसे समय में जब पूरी दुनिया में रेगुलेटरी क्लैरिटी की माँग हो रही है, Trump-Powell Letter Leak जैसे मामलों से कन्फ्यूजन और डर बढ़ता है।
क्रिप्टो स्पेस पहले ही SEC और अन्य दुविधाओं का सामना कर रहा है। जब ऐसे सेंसिटिव मुद्दे पब्लिक डोमेन में लीक हो जाते हैं, तो उनकी ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेबिलिटी की कमी ग्लोबल लेवल पर इन्वेस्टर्स की धारणा को गहरा नुकसान पहुंचाती है।
कन्क्लूजन
Trump-Powell Letter Leak ने यह प्रूफ कर दिया कि क्रिप्टो मार्केट अब पूरी तरह से सिर्फ टेक्नोलॉजी या इन्वेस्ट आधारित नहीं रहा, बल्कि Global Politics और लीडरशिप में हो रहे हर परिवर्तन पर तेज़ी से प्रतिक्रिया दे रहा है। इस लीक ने बाजार की नब्ज़ को हिला दिया है। अब ज़रूरत है ट्रांसपेरेंसी की और बाजार को यह यकीन दिलाने की कि, Policy Makers के इरादे क्लियर और स्टेबल हैं। इन्वेस्टर्स को भी चाहिए कि वे हर लीक पर घबराकर निर्णय न लें, बल्कि लॉन्ग टर्म स्ट्रेटेजी अपनाएं। Trump-Powell Letter Leak वार्निंग सिर्फ मार्केट के लिए नहीं है, बल्कि सत्ता में बैठे उन नेताओं के लिए भी, जिनके हर शब्द और दस्तावेज़ अब डिजिटल दुनिया में तुरंत असर डालते हैं।