क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में सबसे बड़ा रहस्य Satoshi Nakamoto की पहचान है, जिन्होंने Bitcoin को क्रिएट किया था। हालांकि एक क्रिप्टो लॉयर ने हाल ही में एक केस फाइल किया है, जिसमें वह अमेरिकी सरकार से Bitcoin के निर्माता की पहचान से जुड़ी जानकारी मांग रहे हैं। इस मामले में US Department of Homeland Security (DHS) पर आरोप लगाया गया है कि उसके पास Satoshi Nakamoto की पहचान से जुड़ी जानकारी हो सकती है।
क्रिप्टो लॉयर जेम्स मर्फी ने अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के खिलाफ एक Freedom of Information Act (FOIA) केस दायर किया है। उनका आरोप है कि DHS को Bitcoin के निर्माण में शामिल चार व्यक्तियों के बारे में जानकारी हो सकती है, जिसे एक DHS एजेंट ने 2019 में एक कॉन्फ्रेंस में सार्वजनिक किया था। जेम्स मर्फी का कहना है कि यदि यह मुलाकात सच में हुई थी, तो DHS के पास इस बारे में दस्तावेज़, ईमेल और नोट्स होने चाहिए। उनका दावा है कि इन दस्तावेजों को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
यह मामला तब सामने आया, जब DHS की विशेष एजेंट राणा साऊद ने अप्रैल 2019 में एक कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उनके कुछ सहयोगियों ने उन चार व्यक्तियों से मुलाकात की थी, जिन्होंने Bitcoin के निर्माण में भूमिका निभाई थी। साऊद ने बताया कि यह एजेंट कैलिफोर्निया गए थे और वहाँ उन्हें यह पता चला कि बिटकॉइन का निर्माण अकेले एक व्यक्ति ने नहीं, बल्कि चार लोगों ने मिलकर किया था। इस मुलाकात में एजेंटों ने बिटकॉइन के उद्देश्यों और इसके "एंड गेम" के बारे में सवाल किए थे।
मर्फी का कहना है कि यह केस उन दस्तावेज़ों को प्राप्त करने के लिए है, जो DHS के पास हो सकते हैं, जो इस बैठक के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, मर्फी यह भी मानते हैं कि यह संभावना है कि साऊद और उनके सहयोगी सही नहीं थे और वे वास्तविक Satoshi Nakamoto से नहीं मिले। फिर भी, मर्फी इस मामले को अंतिम रूप तक ले जाने की योजना बना रहे हैं, ताकि यह रहस्य सुलझ सके और Bitcoin के निर्माण के बारे में स्पष्टता मिल सके।
यह मामला Bitcoin के निर्माताओं की पहचान को लेकर एक नया मोड़ ला सकता है। अगर DHS के पास Satoshi Nakamoto से जुड़ी जानकारी है, तो यह बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। हालांकि, इस रहस्य के खुलने से कई सवाल भी उठ सकते हैं, जैसे कि क्या Bitcoin का निर्माण सरकार द्वारा किया गया था और इससे बिटकॉइन के डिसेंट्रलाइज्ड नेचर पर क्या असर पड़ेगा। जेम्स मर्फी का यह केस बिटकॉइन कम्युनिटी के लिए एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन साबित हो सकता है, लेकिन इसका परिणाम क्या होगा, यह समय ही बताएगा।
यह भी पढ़िए: Binance लेकर आया Vote To List के बाद Vote To Delist कैम्पेनरोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास 13+ वर्षों का अनुभव है। जिसमें बीते कुछ वर्षों से उनका फोकस विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर रहा है। वे ऑन-चेन मेट्रिक्स, डेफी ट्रेंड्स, प्राइस मूवमेंट्स और टोकनॉमिक्स का व्यावहारिक ज्ञान रखते हैं। उनकी विशेषज्ञता डेटा-ड्रिवन आर्टिकल्स, डीप मार्केट रिसर्च, SEO-ऑप्टिमाइज्ड कंटेंट और इंडस्ट्री-फोकस्ड एनालिसिस तैयार करने में है।
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