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Livepeer क्या है, यह कैसे काम करता है? जानिए विस्तार से

आज वीडियो कंटेंट की डिमांड अपनी पीक पर है और YouTube जैसे सेंट्रलाइज्ड प्लेटफॉर्म्स का डोमिनेंस दुनिया के हर कोने में देखने को मिल रहा है। लेकिन इन प्लेटफार्म की बुनियादी कमजोरी इसका सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन है जिसके कारण इन प्लेटफार्म को कण्ट्रोल और सेंसरशिप से गुजरना पड़ता है। इस तरह की सेंसरशिप और नियंत्रण को ख़त्म करने और इस इंडस्ट्री को पूरी तरह से बदलने के उद्देश्य के साथ ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट Livepeer (LPT) लॉन्च किया गया था। 2017 में लॉन्च हुआ यह प्रोजेक्ट अब तेजी से डेवलपर और ब्रॉडकास्टर कम्युनिटी के बीच लोकप्रिय हो रहा है।

तो आइए जानते हैं कि आखिर Livepeer है क्या, यह कैसे काम करता है और क्यों यह आने वाले समय में वीडियो स्ट्रीमिंग को रिवोल्यूशनरी रूप से बदल सकता है।

क्या है Livepeer?

Livepeer एक ओपन-सोर्स, डिसेंट्रलाइज्ड वीडियो स्ट्रीमिंग नेटवर्क है जिसे Ethereum Blockchain पर बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य वीडियो स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री में सेंट्रलाइजेशन को खत्म करना और कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाली लाइव ब्रॉडकास्टिंग को संभव बनाना है।

Livepeer एक ओपन-सोर्स, डिसेंट्रलाइज्ड वीडियो स्ट्रीमिंग नेटवर्क है जिसे Ethereum Blockchain पर बनाया गया है

Livepeer प्लेटफॉर्म कंटेंट क्रिएटर्स को एक ऐसा वातावरण देता है जहां वे अपना वीडियो कॉन्टेंट अपलोड कर सकते हैं और नेटवर्क उसे खुद ही री-फॉर्मेट कर विभिन्न डिवाइसेज़ और प्लेटफॉर्म्स के लिए तैयार कर देता है। यानी, यह प्लेटफार्म क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को साथ लाकर ब्रॉडकास्टिंग की पूरी प्रोसेस को आसान और अफोर्डेबल बना देता है।

क्या है Livepeer की मुख्य विशेषताएं 

Livepeer की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड है यानी इसका कोई सेंट्रल सर्वर या कंट्रोलिंग अथॉरिटी नहीं है। इसके बजाए, यह प्लेटफॉर्म ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और क्रिप्टो-इकोनॉमिक इंसेंटिव्स के जरिए काम करता है।

  • अफोर्डेबल वीडियो प्रोसेसिंग: वीडियो ट्रांसकोडिंग यानी एक ही वीडियो को अलग-अलग फॉर्मेट्स में कन्वर्ट करना सबसे खर्चीला प्रोसेस होता है। Livepeer इसे डिसेंट्रलाइज्ड नेटवर्क के जरिए अफोर्डेबल बना देता है।
  • Uncensorable Journalism: इसका डिसेंट्रलाइज्ड नेचर सेंसरशिप को रोके रखने में मदद करती है। यानी कोई भी गवर्नमेंट या आर्गेनाइजेशन यूजर के लाइव वीडियो को सेंसर नहीं कर सकती है।
  • VOD और लाइव स्ट्रीमिंग दोनों: यह न सिर्फ लाइव स्ट्रीमिंग बल्कि ऑन-डिमांड वीडियो सर्विस को भी सपोर्ट करता है।
  • डेवलपर्स के लिए फ्री एक्सेस: यह एक ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म है, जहां कोई भी डेवलपर नेटवर्क में सुधार कर सकता है या अपने DApp बना सकता है।
किस तरह से काम करता है Livepeer?

Livepeer प्लेटफॉर्म में तीन मुख्य कॉन्ट्रिब्यूटर होते हैं:

  • Broadcasters (स्ट्रीमर): ये वो लोग हैं जो वीडियो कंटेंट बनाते हैं और नेटवर्क पर स्ट्रीम करते हैं।
  • Orchestrators (प्रोसेसर): ये वो लोग होते हैं जो अपने कंप्यूटर की प्रोसेसिंग पॉवर नेटवर्क को देते हैं ताकि वीडियो ट्रांसकोड हो सके।
  • Delegators (इन्वेस्टर्स): जिनके पास LPT Token हैं, वे Orchestrators को वोट कर सकते हैं और नेटवर्क से रिवॉर्ड्स कमा सकते हैं।

यह पूरा सिस्टम एक ट्रांसपेरेंट और ऑटोमैटिक प्रोसेस के तहत चलता है, जिससे सभी पार्टिसिपेंट्स को सही रिवॉर्ड मिलता है।

LPT Token का क्या उपयोग है?  

LPT Token, इस नेटवर्क की रीढ़ की तरह काम करता है। इसका इस्तेमाल नेटवर्क में पार्टिसिपेशन, वोटिंग और रिवॉर्ड पाने के लिए होता है।

  • टोटल सप्लाई: लगभग 22.9 मिलियन LPT
  • सर्कुलेटिंग सप्लाई: लगभग 21.1 मिलियन LPT

इसमें से 12.35% टोकन Livepeer की टीम और फाउंडर्स को दिए गए हैं। वहीं, 63.437% टोकन क्राउड सेल में डिस्ट्रीब्यूट किए गए थे और 5% नेटवर्क डेवलपमेंट के लिए रिज़र्व हैं। LPT Token Price जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए।

Livepeer नेटवर्क की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए गए हैं? 

Livepeer, Ethereum Blockchain पर बेस्ड है और यह एक मॉडिफाइड डेलीगेटेड प्रूफ ऑफ स्टेक (DPoS) मेकैनिज्म का उपयोग करता है।

DPoS में माइनिंग की जरूरत नहीं होती, बल्कि नेटवर्क वेरिफिकेशन उन नोड्स द्वारा होता है जो ज्यादा क्वांटिटी में टोकन होल्ड करते हैं या जिन्हें अन्य यूज़र्स द्वारा वोट करके इसके लिए एलिजिबल किया गया हो।

इससे न केवल एनर्जी की बचत होती है बल्कि यह नेटवर्क को स्केलेबल और अधिक एनवायरमेंट फ्रेंडली बनाता है। साथ ही, Ethereum के विशाल DApp Ecosystem का भी फायदा Livepeer को मिलता है।

Livepeer क्यों है भविष्य का प्लेटफॉर्म?

आज के समय में जहां वीडियो कंटेंट की मांग तेजी से बढ़ रही है, वहीं स्ट्रीमिंग की कॉस्ट और सेंसरशिप भी बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है। Livepeer इन दोनों समस्याओं का समाधान एक साथ देने वाला प्लेटफॉर्म है।

  • स्टार्टअप्स और क्रिएटर्स के लिए गेमचेंजर: Livepeer, छोटे क्रिएटर्स और स्टार्टअप्स को बड़ी कंपनियों की तरह स्ट्रीमिंग पॉवर देता है, वो भी कम लागत में।
  • Web3 इकोसिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा: जैसे-जैसे Web3 का विस्तार हो रहा है, Livepeer जैसे प्लेटफॉर्म्स डी-सेंट्रलाइज्ड इंटरनेट की रीढ़ बनते जा रहे हैं।
  • Token Holders के लिए फायदा: जो लोग LPT Token होल्ड करते हैं, वे नेटवर्क में भाग लेकर स्टेकिंग रिवॉर्ड्स कमा सकते हैं। साथ ही, नेटवर्क के भविष्य पर भी उनका वोट कर सकते हैं।
कन्क्लूज़न

Livepeer एक ऐसा प्रोजेक्ट है जो न केवल तकनीकी रूप से मजबूत है, बल्कि इसका विजन भी भविष्य की ज़रूरतों से मेल खाता है। यह न केवल वीडियो ब्रॉडकास्टिंग को डेमोक्रेटिक बना रहा है, बल्कि उपयोगकर्ताओं को तकनीक के केंद्र में भी ला रहा है। 

यदि आप Web3 या क्रिप्टो इकोसिस्टम में रुचि रखते हैं, तो Livepeer एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसे आपको ज़रूर फॉलो करना चाहिए। और अगर आप खुद वीडियो क्रिएटर हैं या DApp डेवलपर, तो Livepeer आपके लिए एक अफोर्डेबल, सिक्योर और ट्रांसपेरेंट ऑप्शन बन सकता है।

Ronak Ghatiya
Ronak Ghatiya
Hindi Content Writer
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