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Modular Blockchain क्या है, यह Web3 के लिए क्यों इम्पोर्टेन्ट है

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ने पिछले दशक में डाटा सिक्योरिटी, ट्रस्टलेस ट्रांज़ैक्शन और डिसेंट्रलाइज़ेशन के क्षेत्र में एक मजबूत नींव तैयार की है। लेकिन जैसे-जैसे नेटवर्क पर लोड बढ़ा है, वैसे-वैसे इसकी स्केलेबिलिटी और परफॉर्मेंस को लेकर लिमिटेशन भी सामने आने लगी हैं। इस चुनौती का एक सॉल्यूशन Modular Blockchain Architecture के रूप में देखने को मिल रहा है, जो ट्रेडिशनल या  Monolithic Blockchain Architecture की लिमिटेशन को तोड़कर नए ऑप्शन सामने रखता है।

अगर आपने कभी सोचा है कि Ethereum जैसे ब्लॉकचेन को स्केलेबल बनाने के लिए नए Layer-2 Solutions क्यों बन रहे हैं या क्यों Celestia जैसे प्रोजेक्ट अक्सर ट्रेंड में रहते हैं तो Modular Blockchain की समझ आपके लिए ज़रूरी है। लेकिन इसे समझने से पहले Monolithic Blockchain Architecture के बारे में जानना जरुरी है, आइये जानते हैं यह क्या होता है,

Monolithic Blockchain क्या होती है?

Monolithic Blockchain Architecture वह सिस्टम है जिसमें ब्लॉकचेन के सभी मुख्य फंक्शन जैसे एग्जीक्यूशन, कंसेंसस और डाटा एक ही नेटवर्क पर अवेलेबल होते हैं। उदाहरण के लिए Bitcoin और Ethereum (Layer-1) जैसे नेटवर्क्स में:

  • Execution Layer स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को एक्सिक्यूट करती है।
  • Consensus Layer नेटवर्क के सभी नोड्स को समान कंडीशन पर सहमत करती है।
  • Data availability Layer यह पक्का करती है कि सारे ट्रांज़ैक्शन डाटा सभी के लिए अवेलेबल हो और उसे वेरिफ़ाई किया जा सके।

इस यूनिफाइड मॉडल का लाभ यह है कि सिस्टम सिंपल होता है और सभी काम एक ही प्लेटफॉर्म पर होते हैं। लेकिन जैसे-जैसे नेटवर्क पर ट्रैफिक बढ़ता है, यह मॉडल स्लो पड़ने लगता है, जिससे ट्रांज़ैक्शन फ़ीस बढ़ती है और यूज़र एक्सपीरियंस डाउन होता है। आइये जानते हैं इस आर्किटेक्चर की वो कौनसी लिमिटेशन हैं जो Modular Blockchain की आवश्यकता को जन्म देती है।  

क्यों Monolithic Architecture की लिमिटेशन अब सामने आ रही हैं?

Monolithic System की सबसे बड़ी समस्या इसकी स्केलेबिलिटी है, यूज़र बेस के बढ़ने के साथ ही इससे जुडी समस्याएँ सामने आने लगती है। स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को एक्सिक्यूट करना और डाटा को वेरिफ़ाई करने जैसे काम एक ही नेटवर्क पर करने से, स्पीड और एफिशिएंसी पर नकारात्मक असर पड़ता है।

  • Main Blockchain पर हाई ट्रैफिक के समय ट्रांज़ैक्शन फ़ीस बहुत ज़्यादा हो जाती है।
  • नए यूज़र्स या डेवलपर्स को सिस्टम धीमा लगता है क्योंकि सब कुछ एक ही लेयर में होता है।
  • नई टेक्नोलॉजी को इंटीग्रेट करना मुश्किल होता है क्योंकि पूरी चेन पर एक साथ बदलाव करना पड़ता है।

इसी कारण से Modular Blockchain जैसे ऑप्शन की डिमांड बढ़ रही है।

Modular Blockchain क्या होती है?

Modular Blockchain एक ऐसा आर्किटेक्चर है जिसमें ब्लॉकचेन के अलग-अलग फंक्शंस जैसे एग्जीक्यूशन, कंसेंसस और डाटा अवेलेबिलिटी को अलग-अलग लेयर्स या मॉड्यूल्स में डिवाइड कर दिया जाता है। इसका मतलब है कि हर मॉड्यूल किसी एक खास काम के लिए ऑप्टिमाइज़्ड होता है, जिससे पूरा नेटवर्क ज़्यादा स्केलेबल, फ्लेक्सिबल और एफिशिएंट हो जाता है।

इसका फोकस इस बात पर होता है कि एक नेटवर्क को सब कुछ खुद करने की ज़रूरत नहीं वह दूसरे मॉड्यूल्स से कोलेबोरेट करके हर फंक्शन को अलग अलग एग्जीक्यूट कर सकता है।

Modular Blockchain कैसे काम करती है?

Modular Blockchain को एक Tech Stack की तरह समझा जा सकता है जिसमें हर Blockchain Layer का काम अलग होता है:

  • Execution Layer: इसमें यूज़र्स के ट्रांज़ैक्शन और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को एक्सिक्यूट किया जाता है। ये लेयर ज़्यादातर Rollups जैसे Optimism, Arbitrum पर आधारित होती है।
  • Consensus Layer: यह तय करती है कि नेटवर्क में कौन सही है और किस ट्रांज़ैक्शन को मान्यता मिलेगी। 
  • Data Availability Layer: यह सभी एक्सिक्यूटेड डाटा को पब्लिक करती है, जिससे की इसे कोई भी वेरिफ़ाई कर पाता है। इस लेयर में Celestia जैसे प्रोटोकॉल तेज़ी से उभर रहे हैं।

इन तीनों को अलग-अलग बनाने पर हर लेयर अपनी स्पेशलिटी के अनुसार स्केल और ऑप्टिमाइज़ की जा सकती है।

Modular vs Monolithic Blockchain
Monolithic BlockchainModular Blockchain
आर्किटेक्चरइंटीग्रेटेडफ्रैग्मेण्टेड
स्केलेबिलिटीलिमिटेडहाई
फ्लेक्सिबिलिटीकमज़्यादा
एक्सपेरिमेंटेशनरिस्कीसेफ (एक लेयर बदलने से पूरी चेन नहीं बिगड़ती)
उदाहरणBitcoin, Ethereum (Layer-1)Celestia, EigenLayer, Rollups

Monolithic Architecture पुराने ज़माने की मशीन जैसा है जबकि Modular System आज के क्लाउड माइक्रोसर्विस मॉडल की तरह आसान, फ्लेक्सिबल और स्केलेबल होता है।

Modular Blockchain इकोसिस्टम के कुछ उदाहरण
  • Celestia Blockchain: यह सबसे पॉपुलर Modular Blockchain है जो केवल डाटा अवेलेबिलिटी और कंसेंसस पर फोकस करती है, जबकि एग्जीक्यूशन एक्सटर्नल Rollups द्वारा होता है।
  • EigenLayer: Ethereum की सिक्योरिटी को रीयूज़ करने वाला प्रोटोकॉल जो अलग-अलग मॉड्यूल्स को डेप्लोय करने में मदद करता है।
  • Rollups (Optimism, Arbitrum, zkSync): ये एग्जीक्यूशन की प्रोसेस को अलग से करके Ethereum को स्केलेबल बनाते हैं और यूज़र्स को कम फ़ीस पर तेज़ ट्रांज़ैक्शन देते हैं।

इन प्रोजेक्ट्स से साफ़ होता है कि Modular Blockchains में इनोवेशन की ज़बरदस्त संभावनाएं हैं।

Modularity से मिलने वाले बेनिफिट
  • Scalability में बढ़ोतरी: जब हर लेयर का अपना अलग फोकस्ड काम होता है, तो नेटवर्क में बोटलनैक नहीं रहता है।
  • Specialization: हर मॉड्यूल को उसकी रेस्पोंसिबिलिटी के अनुसार डिजाइन किया जा सकता है, जिससे परफॉरमेंस बेहतर होती है।
  • Innovation Friendly: नए Rollups, zk-proofs या कंसेन्सस मैकेनिज्म को टेस्ट करना आसान होता है।
  • Developer Flexibility: डेवलपर्स केवल एक लेयर पर फोकस कर सकते हैं, बिना पूरी चेन को समझे या बदले।

उदाहरण के लिए, zk-rollups को एग्जीक्यूशन लेयर के तौर पर किसी भी Modular Chain से जोड़ा जा सकता है।

Modular Stack का भविष्य और Rollups की भूमिका

Rollups इस समय Modular Blockchain का सबसे प्रैक्टिकल रूप हैं। ये एग्जीक्यूशन लेयर का काम करते हैं, जबकि डाटा और कंसेंसस लेयर का काम दूसरी चेन संभालती है।

आगे चलकर, हम ऐसे स्टैक देखेंगे जहां:

  • डाटा Celestia Blockchain जैसी चेन पर स्टोर होगा,
  • कंसेंसस Ethereum जैसे सिक्योर नेटवर्क से मिलेगा,
  • और एग्जीक्यूशन Rollups द्वारा एक्सिक्यूट किया जाएगा।

यह मॉडल ब्लॉकचेन को Web3 Applications, Real-world Assets और ग्लोबल स्केल सिस्टम के लिए कैपेबल बना सकता है। ब्लॉकचेन स्केलेबिलिटी की जो प्रॉब्लम पिछले लम्बे समय से बनी हुई थी, Modular Blockchain उसे हल करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम साबित हो रहा है।

Modular Blockchain Architecture केवल एक टेक्निकल ऑप्शन नहीं है, यह एक नया विज़न है, जो ब्लॉकचेन सिस्टम को बड़े पैमाने पर स्केलेबल, फ्लेक्सिबल और कस्टम करने में केपेबल बना सकते हैं। Monolithic Model ने हमें ब्लॉकचेन की नींव दी, लेकिन अब जब बड़ी संख्या में यूज़र्स Web3 वर्ल्ड की ओर बढ़ रहे हैं, तो यह ज़रूरी है कि ब्लॉकचेन आर्किटेक्चर को मॉड्यूलर बनाया जाए जिससे हर लेयर अपनी ज़िम्मेदारी बेहतर ढंग से निभा सके। Celestia, EigenLayer और Rollups जैसे इनोवेशन इस बदलाव के वाहक बन रहे हैं।

Ronak GhatiyaRonak Ghatiya
Ronak Ghatiya
Hindi Content Writer
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