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Pi का क्या है फ्यूचर, क्या फंक्शनल क्रिप्टो बन पाएगा Pi Coin

क्रिप्टोकरेंसी मार्केट दुनिया का सबसे पुराना मार्केट है, जिसमें हर रोज नए प्रोजेक्ट अपने टोकन के साथ में एंट्री करते हैं। जहाँ कुछ प्रोजेक्ट शुरू होने के साथ ही धरासाई हो जाते हैं, तो वहीँ कुछ प्रोजेक्ट को बड़ा कम्युनिटी सपोर्ट मिलता है, जिससे वे जल्द ही लोकप्रिय हो जाते हैं। इन्ही प्रोजेक्ट्स में से एक क्रिप्टो प्रोजेक्ट है Pi, जो अपने नेटवर्क मेननेट का इन्तजार कर रहा है। फिलहाल अभी Pi Network से जुड़ी टीम एक तारीख का ऐलान कर चुकी हैं, जो 28 जून निर्धारित हैं, लेकिन बीते कुछ महीनों से इसे लेकर न ही टीम की तरफ से कोई अपडेट है और न ही इसके होल्डर्स के बीच कोई बड़ी एक्टिविटी देखी जा रही हैं। ऐसे में सवाल यही उठता है कि आखिर Pi का फ्यूचर क्या है और क्या यह एक फंक्शनल क्रिप्टोकरेंसी बन पाएगी। 

Pi Network मेननेट लॉन्च ही बना पाएगा Pi को एक फंक्शनल क्रिप्टो 

जैसा कि हम अपने पिछले आर्टिकल्स में भी आपको जानकारी दे चुके हैं कि Pi Network वर्तमान में अपने टेस्टनेट फेज में है, जिसके मेननेट को जल्द ही लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। अगर Pi का मेननेट तय डेट पर लॉन्च हो जाता है तो यह एक बड़ा माइलस्टोन होगा, जो न केवल प्रोजेक्ट पर निवेशकों के भरोसे को बढ़ाएगा, बल्कि Pi Coin को भी एक फुल फंक्शनल क्रिप्टोकरेंसी के रूप में ऑपरेट करने में सक्षम करेगा। यह चेंज क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के उन सीरियस इन्वेस्टर्स और यूजर्स को भी आकर्षित करने का काम करेगा जिससे आम लोगों और क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के निवेशकों में भी इस प्रोजेक्ट की क्रेडिबिलिटी और वैल्यू बढ़ेगी।

एक बार अगर Pi Network Mainnet लॉन्च हो जाता है तो एक फंक्शनल क्रिप्टोकरेंसी बनने के लिए Pi को जो अगला कदम उठाना होगा, वह इसका अन्य प्लेटफ़ॉर्म्स के साथ इंटीग्रेशन होगा। उम्मीद भी यही की जाती हैं कि आने वाले समय में Pi Coin अन्य प्लेटफॉर्म्स के साथ इंटीग्रेट होगा। जहाँ सोशल मिडिया प्लेटफ़ॉर्म, ई कॉमर्स वेबसाइट्स और अन्य प्रोजेक्ट के साथ में पार्टनरशिप Pi Coin की यूटिलिटी बढ़ाने का कम करेगी, जिसके चलते मेनस्ट्रीम की डिजिटल करेंसी के रूप में Pi Coin को भी अपनाया जाएगा। 

रेगुलेटरी डेवलपमेंट्स और टेक्निकल एडवांसमेंट पर होना चाहिए Pi का फोकस 

वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट पर दुनिया भर की सरकारे और रेगुलेटर्स अपनी पैनी नजर जमाए हुए हैं। जिनमें भारत समेत G20 में शामिल सभी बड़े देश गंभीरता से क्रिप्टो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के निर्माण की दिशा में कार्य कर रहे हैं। ऐसे में Pi Coin को आम लोगों में अपनी विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए सभी रेगुलेटरी नियमों का अनुपालन करना होगा। जिससे आने वाले भविष्य में अगर किसी भी देश में Pi Coin अपना ऑपरेशन शुरू करता है तो उसे रेगुलेटरी ऑथोरिटी की जांच का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही Pi Coin से जुड़ी डेवलपमेंट टीम को लगातार अपने नेटवर्क और सर्विस में सुधार करने और नए इनोवेशन करने के प्रयास करने चाहिए। यह निरंतर सुधार Pi नेटवर्क की सिक्योरिटी को बढ़ाने का काम करेगा। जैसे जैसे नेटवर्क की सिक्योरिट बढ़ेगी, इसकी स्केलेबिलिटी और फंक्शनालिटी में भी वृद्धि होगी। 

यह भी पढ़िए : Pi Network मेननेट लॉन्च की तैयारी में Pi टीम, जल्द होगा लाइव

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Rohit Tripathi
Hindi Content Writer
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