India के साथ Crypto Info शेयर करेगा Switzerland, जानिए असर
स्विट्ज़रलैंड ने एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए भारत सहित 74 देशों के साथ Crypto Info के ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन (AEOI) की घोषणा की है। यह निर्णय 7 जून 2025 को स्विस फेडरल काउंसिल द्वारा लिया गया, जिसका उद्देश्य है, क्रिप्टो एसेट्स को लेकर ट्रांसपेरेंसी बढ़ाना और अनडिक्लेयर्ड फॉरेन एसेट्स पर शिकंजा कसना।
भारत और स्विट्ज़रलैंड के बीच पहले से ही बैंक अकाउंट की जानकारी शेयर करने की प्रक्रिया है, जिससे कई ब्लैक मनी के मामलों का भंडाफोड़ हुआ। लेकिन अब पहली बार क्रिप्टो एसेट्स से जुड़ी Crypto Info भी अपने-आप शेयर की जाएगी।
इस कदम से भारत के टैक्स ऑफिशियल्स को विदेशी वॉलेट्स और सीक्रेट क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शंस की जानकारी मिल सकेगी, जिससे टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों पर रोक लगाई जा सकेगी। अपने X अकाउंट पर भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज Delta Exchange ने यह Post शेयर की।
भारत को क्या फायदा होगा इस Global Crypto Info एक्सचेंज से?
- ब्लैक मनी और अघोषित क्रिप्टो पर निगरानी आसान होगी
भारत में संदेह है कि हजारों करोड़ रुपये की ब्लैक मनी विदेशों में क्रिप्टोकरेंसी के रूप में छिपाई गई है। Crypto Info के आदान-प्रदान से इन छुपे हुए वर्चुअल एसेट्स की पहचान संभव हो सकेगी। - आयकर विभाग को जांच में मिलेगी बड़ी मदद
भारत के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अब फॉरेन क्रिप्टो एक्सचेंजों और वॉलेट्स से सीधे जानकारी मिलेगी। इससे वे उन निवेशकों तक पहुंच सकेंगे जिन्होंने फॉरेन क्रिप्टो होल्डिंग्स को घोषित नहीं किया है। - Regulatory Framework को मजबूत करने में सहायक
जब सरकार के पास सटीक डेटा होगा कि भारतीय नागरिक किन-किन देशों में, कितने क्रिप्टो एसेट्स रखते हैं, तो वह एक मजबूत और व्यावहारिक Cryptocurrency India Law बनाने में सक्षम होगी। - क्रॉस-बॉर्डर इन्वेस्टमेंट्स में पारदर्शिता
यह पहल भारत में क्रिप्टो को लेकर Institutional Trust बढ़ाएगी। जब क्रिप्टो निवेश ट्रांसपेरेंट होगा, तो विदेशी निवेशक भी भारत में Web3 और Blockchain स्टार्टअप्स में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। - CBDC बनाम Crypto की बहस में संतुलन
स्विट्ज़रलैंड से आने वाली Crypto Info से भारत सरकार यह समझ सकेगी कि CBDC (जैसे Digital Rupee) और क्रिप्टोकरेंसी का यूज़ अलग-अलग कैसे हो रहा है, जिससे नीतियों में संतुलन बनेगा।
ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट पर इसका प्रभाव
एक क्रिप्टो राईटर होने के नाते मेरे अनुसार स्विट्ज़रलैंड की यह पहल केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरे ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट के लिए एक निर्णायक मोड़ है। OECD द्वारा तैयार Crypto-Asset Reporting Framework को लागू करने से सभी प्रमुख देशों में क्रिप्टो के लिए एक समान निगरानी और टैक्सेशन मॉडल उभर कर आएगा।
इसका असर यह होगा:
- ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी, जिससे क्रिप्टो को ‘डार्क मनी’ कहे जाने की छवि बदलेगी।
- एक्सचेंज और वॉलेट प्रोवाइडर्स को अब रिपोर्टिंग के सख्त नियमों का पालन करना पड़ेगा।
- DeFi और Web3 स्टार्टअप्स को क्लीन और टैक्स-कंप्लायंट ऑपरेशन के लिए अनुकूल माहौल मिलेगा।
हमारा मानना है कि यह कदम क्रिप्टो मार्केट के लिए Short Term में दबाव लेकिन Long Term में विश्वास और Institutional Growth लाएगा।
भारतीय यूज़र्स की अपेक्षाएं: क्या बदलेगा नया कानून?
स्विट्ज़रलैंड से भारत को Crypto Info मिलने की खबर उस समय आयी है, जब भारत सरकार द्वारा Cryptocurrency India Law पर ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है। जिसको लेकर यूजर्स काफी उम्मीद कर रहे हैं।
क्रिप्टो यूज़र्स चाहते हैं कि:
- स्पष्ट रेगुलेशन आए जिसमें बताया जाए कि कौन-सी क्रिप्टो एक्टिविटी लीगल है।
- टैक्स नियम व्यवहारिक हों, जैसे 1% TDS को कम करके 0.1% करना।
- एक सिक्योर इन्वेस्टमेंट फ्रेमवर्क बने, जैसे WazirX हैक जैसी घटनाओं में यूज़र्स की सुरक्षा हो।
- Web3 और DeFi स्टार्टअप्स को कानूनी मान्यता और गाइडेंस मिले।
भारत के डेवलपर्स और इन्वेस्टर्स उम्मीद करते हैं कि नया कानून केवल पाबंदी लगाने वाला न होकर इनोवेशन को प्रेरित करने वाला होगा।
कन्क्लूजन
स्विट्ज़रलैंड द्वारा Crypto Info शेयर करने का यह प्रस्ताव भारत के लिए “Crypto Regulation 2.0” की शुरुआत हो सकता है। यह न केवल ब्लैक मनी और टैक्स चोरी पर चोट करेगा, बल्कि एक ट्रांसपेरेंट, सिक्योर और इनोवेटिव क्रिप्टो ईकोसिस्टम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
भारत सरकार अगर इस डेटा का उपयोग स्मार्ट और विजनरी पॉलिसी बनाने में करती है, तो न केवल देश के लाखों निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि भारत ग्लोबल क्रिप्टो लीडरशिप की दिशा में अग्रसर हो सकेगा।