Shiba Inu को Japan ने किया Green List में शामिल, क्या है इसके मायने
$SHIB का दर्जा अब Bitcoin और Ethereum के बराबर
दुनिया के दुसरे बड़े Memecoin Shiba Inu अब Japan की क्रिप्टो रेगुलेटरी बॉडी JVCEA की Green List में शामिल हो गया है। इस लिस्ट में ऐसी क्रिप्टोकरेंसी को शामिल किया जाता है, जिसके साथ कोई रिस्क या इशू न हो। एक Memecoin का इसमें जुड़ना एक बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है।

Source: X Post
Japan में हुए क्रिप्टो रिफॉर्म्स का पार्ट है यह डेवलपमेंट
16 November को Japan में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा डेवलपमेंट हुआ है, जिसके अनुसार
- यहाँ कि रेगुलेटरी एजेंसी FSA के द्वारा 105 Cryptocurrency को फाइनेंशियल प्रोडक्ट का दर्जा दिया मतलब Green List में शामिल किया, Shiba Inu उनमें से एक है।
- इस लिस्ट में शामिल क्रिप्टोकरेंसी पर 2026 से 55% की बजाए 20% टैक्स लगेगा।
- इसके साथ ही Cryptocurrency से जुड़े ETFs के लिए भी राह आसान की गयी है।
Shiba Inu को मिला यह दर्जा इसी बड़े डेवलपमेंट का पार्ट है, जिसके द्वारा जापान को दुनिया का Crypto Hub बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
इसका Shiba Inu और Holders को क्या होगा लाभ
अगर कोई Cryptocurrency इस लिस्ट में शामिल होती है तो इसका मतलब होता है कि
- Global Ligitimacy: Japan एक G7 देश है, इसका मतलब है कि यह दुनिया की 7 सबसे महत्वपूर्ण इकॉनोमी में शामिल हैं। ऐसे देश के द्वारा Financial Product का दर्जा मिलने का मतलब है कि $SHIB को दुनिया भर में लिजीटिमेसी मिलेगी।
- Adoption और Partnership: पेमेंट मोड के रूप में इसका एडॉप्शन बढ़ सकता है, हाल ही में Shiba Inu ने हाल ही में Unity One के साथ इसी तरह की पार्टनरशिप की थी। इस अप्रूवल के बाद दुसरे बिसनेस भी $SHIB को पेमेंट मोड के रूप में जोड़ सकते हैं।
- SHIB Holders की संख्या बढ़ेगी: Japan, Green List में शामिल क्रिप्टोकरेंसी पर 55% (Normal Tax Rate) की बजाए केवल 20% टैक्स लेगा। इससे वहां इस Memecoin के होल्डर्स की संख्या बढ़ सकती है।
यह Shiba Inu Ecosystem के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है, इससे न केवल ग्लोबली इसकी छवि बेहतर होगी बल्कि इसका असर एडॉप्शन में बढ़ोतरी के रूप में भी दिखेगा।
Asia की क्रिप्टो मार्केट में रिप्रजेंटेशन बढ़ाएगा यह कदम
क्रिप्टो मार्केट ग्लोबल है, लेकिन एशिया-पेसिफिक के महत्वपूर्ण देशों में केवल South Korea और Singapore ही कुछ प्रो-क्रिप्टो माने जा सकते थे। भारत और चाइना का स्टैंड इसे लेकर अब भी कठोर है, ऐसे में Japan जैसे बड़े देश में इस तरह के प्रो-क्रिप्टो रेगुलेशन Asia का रिप्रजेंटेशन इस ग्लोबल रिवोल्यूशन में बढ़ाएगा।
Crypto Market में अपने 6 वर्षों के अनुभव के आधार पर मैं यह कह सकता हूँ कि जब भी किसी बड़े देश में रेगुलेशन आसान हैं, मार्केट में स्टेबिलिटी बढ़ी है। जापान के इस कदम का भी कुछ ऐसा ही प्रभाव होने की सम्भावना है।
कन्क्लूजन
यह अपडेट Shiba Inu और पूरे एशियाई क्रिप्टो मार्केट के लिए एक मजबूत संकेत है। Japan जैसे G7 देश में ग्रीन लिस्ट शामिल होना न केवल SHIB की ग्लोबल लिजीटिमेसी बढ़ाता है बल्कि एडॉप्शन, पार्टनरशिप और टैक्स बेनिफिट्स के जरिए इसके इकोसिस्टम को भी मजबूती देता है। ऐसे प्रो-क्रिप्टो कदम आने वाले समय में मार्केट को अधिक स्थिर और मेनस्ट्रीम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
Disclaimer: यह आर्टिकल एजुकेशनल पर्पस से लिखा गया है। क्रिप्टो मार्केट वोलेटाइल है, किसी भी इन्वेस्टमेंट से पहले अपनी रिसर्च जरुर करें।
