CoinDCX Self Custody, अब क्रिप्टो पर होगा आपका पूरा कंट्रोल
CoinDCX Self Custody, अब हर भारतीय रख सकेगा अपनी क्रिप्टो पर पूरा कंट्रोल
भारत के क्रिप्टो सेक्टर में सबसे भरोसेमंद एक्सचेंजों में से एक CoinDCX अब अपने यूज़र्स के लिए सेल्फ कस्टडी की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है। कंपनी का कहना है कि वह आने वाले समय में भारत के यूज़र्स के लिए Self-Custody Offerings को और मज़बूत करने पर फोकस करेगी। Coinbase ने हाल ही में कॉइनडीसीएक्स में निवेश किया है, जिससे एक्सचेंज की वैल्यूएशन करीब $2.45 बिलियन तक पहुंच गई है।
Source: यह इमेज Sumit Gupta की X पोस्ट से ली गई है। जिसकी लिंक यहां दी गई है।
भारत के लिए नया Web3 युग
कॉइनडीसीएक्स के Co–founder ने एक पोस्ट में बताया कि कंपनी अब पूरी तरह कॉइनडीसीएक्स Web3 और Okto Wallet जैसे Self-Custody प्रोडक्ट्स पर ध्यान दे रही है। CoinDCX Self Custody का मुख्य उद्देश्य भारतीय यूज़र्स को अपने डिजिटल एसेट्स पर पूरा कंट्रोल देना है, ताकि वे On-Chain Economy में सुरक्षित रूप से शामिल हो सकें।
Okto Wallet एक ऐसा Self-Custody DeFi Wallet है जो बिना Private Key की आवश्यकता के काम करता है। यानी यूज़र को अपने प्राइवेट कीज़ को मैनेज करने की ज़रूरत नहीं है, जिससे हैकिंग या लॉस का जोखिम काफी कम हो जाता है। यह वॉलेट Multi-Chain Support के साथ आता है और अब तक लगभग $3 बिलियन से ज्यादा के ट्रेडिंग वॉल्यूम को संभाल चुका है।
20 मिलियन से ज्यादा वॉलेट्स बने, लेकिन सफर अभी बाकी
कंपनी ने यह भी बताया कि अब तक 20 मिलियन (2 करोड़) से ज्यादा वॉलेट्स बनाए जा चुके हैं, लेकिन काम अभी अधूरा है। कॉइनडीसीएक्स के अनुसार, Self Custody Adoption भारत में अभी शुरुआती दौर में है और इसमें यूज़र एजुकेशन, ट्रांज़फर अनुभव और सुरक्षा को लेकर अभी काफी सुधार की ज़रूरत है।
इस दिशा में इस एक्सचेंज का मकसद सिर्फ वॉलेट्स की संख्या बढ़ाना नहीं, बल्कि यूज़र्स को “Bring India Onchain” मिशन के तहत Web3 की असली पावर से जोड़ना है।
यूज़र्स के रिएक्शन, ट्रांसफर और रिकवरी में दिक्कतें
कॉइनडीसीएक्स के हालिया पोस्ट पर आए यूज़र रिप्लाईज़ से यह भी पता चलता है कि कई यूज़र्स को Self Custody Wallets के इस्तेमाल में दिक्कतें हो रही हैं। कई लोगों ने बताया कि ट्रांसफर फेल, टोकन डीलिस्टिंग और रिकवरी ऑप्शन्स जैसे मुद्दे उन्हें परेशान कर रहे हैं।
कई यूज़र्स ने MPC (Multi-Party Computation) और सोशल रिकवरी जैसे ऑप्शन्स की डिमांड भी की है, ताकि वे अपने वॉलेट्स को और सुरक्षित और उपयोगी बना सकें। इन रिएक्शन से यह साफ़ होता है कि भारत में CoinDCX Self Custody बड़े पैमाने पर अपनाने में अभी कुछ चुनौतियां हैं, लेकिन यूज़र्स इस दिशा में इंटरेस्ट दिखा रहे हैं।
सुरक्षा और उपयोगिता के बीच संतुलन
CoinDCX Self Custody मॉडल इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यूज़र को अपनी एसेट्स पर कंट्रोल मिले, लेकिन पूरी प्राइवेट की एक्सपोज़ न हो। CoinDCX Self Custody मॉडल को “Managed Self Custody” कहा जा रहा है, जिसमें सुरक्षा और उपयोगिता के बीच संतुलन रखा गया है।
इस कदम से कंपनी का लक्ष्य हैकिंग, फिशिंग और फंड लॉस जैसे मामलों को कम करना है, जो कि भारतीय क्रिप्टो कम्युनिटी में एक बड़ी चिंता का विषय रहे हैं।
Coinbase के निवेश से बढ़ा आत्मविश्वास
हाल ही में Coinbase ने CoinDCX में बड़ा इन्वेस्टमेंट किया है उससे कॉइनडीसीएक्स की पोज़िशन को और मज़बूती मिली है। इस निवेश से मिलने वाली फंडिंग का इस्तेमाल कंपनी अपनी Self-Custody Ecosystem को और विस्तार देने में करेगी। इस तरह यह एक्सचेंज अब सिर्फ एक ट्रेडिंग एक्सचेंज नहीं, बल्कि एक पूरा Web3 प्लेटफॉर्म बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
Crypto Sector में मेरे सात साल के अनुभव में, CoinDCX Self Custody का कदम भारत के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि ट्रस्ट की नई परिभाषा है। जहाँ यूज़र को अपनी क्रिप्टो पर पूरा हक मिलता है। यही असली Web3 Revolution की शुरुआत है।
कन्क्लूजन
कुल मिलाकर CoinDCX Self Custody पहल भारतीय क्रिप्टो इंडस्ट्री में एक बड़ा कदम है। Okto Wallet और कॉइनडीसीएक्स Web3 जैसे इनोवेटिव टूल्स यूज़र्स को न केवल सुरक्षित ट्रांज़ैक्शन का ऑप्शन दे रहे हैं, बल्कि उन्हें डिसेंट्रलाइजेशन इकोनॉमी का एक्टिव हिस्सा भी बना रहे हैं। हालांकि कुछ टेक्निकल चैलेंजेस अभी बाकी हैं, लेकिन इस एक्सचेंज का “Let’s Bring India Onchain” मिशन भारतीय क्रिप्टो भविष्य की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है।