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Pi Network फेक वॉलेट स्कैम: पायनियर्स सतर्क रहें

Pi Network जैसे-जैसे तेजी से अपना विस्तार कर रहा है, वैसे-वैसे स्कैमर्स की एक्टिविटी भी बढ़ती जा रही है। हाल ही में Pi Core Team ने X पर अपने ग्लोबल यूजर्स के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। चेतावनी में बताया गया कि कई नकली वेबसाइट्स अब Pi Wallet की तरह का इंटरफेस दिखाकर यूज़र्स को धोखा देने की कोशिश कर रही हैं, ताकि उनसे उनकी सीक्रेट पासफ़्रेज़ चुरा सकें।

Pi Network का ऑफिशियल वॉलेट केवल Pi Browser के ज़रिए wallet.pinet.com पर ही उपलब्ध है। लेकिन अब कई फ़ेक साइट्स ऐसी बन चुकी हैं जो हूबहू इसी तरह दिखती हैं, पर उनका URL अलग होता है। Core Team का कहना है कि इस तरह के स्कैम में फँसने पर यूज़र्स अपनी पूरी Pi होल्डिंग्स खो सकते हैं और एक बार ट्रांज़ैक्शन हो गया, तो उसे वापस लाना असंभव है।

कैसे काम करता है यह फ़िशिंग स्कैम?

इन फ़िशिंग स्कैम्स का मकसद होता है, यूज़र्स को किसी नकली वेबसाइट पर ले जाना, जहां वे गलती से अपनी पासफ़्रेज़ या लॉगिन डिटेल डाल दें। ये वेबसाइट्स देखने में हूबहू असली Pi Wallet जैसी होती हैं, लेकिन उनका URL आमतौर पर थोड़ा अलग होता है जैसे कि wallet-pinet.com या piwallet.net जैसे मिसलीडिंग एड्रेस।

यूज़र्स को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि Pi Network Core Team कभी भी पासफ़्रेज़, OTP या पर्सनल डिटेल्स नहीं मांगती है। अगर कोई खुद को Pi की टीम का बताकर फोन, ईमेल या सोशल मीडिया के ज़रिए कांटेक्ट  करता है और वॉलेट पासवर्ड मांगता है, तो वह निश्चित रूप से Scammer है।

Pi Browser की विशेषता और यूज़र की ज़िम्मेदारी

Pi Browser Google Chrome या Safari की तरह एक ओपन ब्राउज़र है, यानी इसका इस्तेमाल किसी भी वेबसाइट पर किया जा सकता है। यही कारण है कि Core Team ने स्पष्ट किया है कि वे यह कंट्रोल नहीं कर सकते कि यूज़र किस साइट पर जा रहा है।

इसलिए हर यूज़र की ज़िम्मेदारी है कि वह URL को ध्यान से देखे और सुनिश्चित करे कि वह केवल wallet.pinet.com ही इस्तेमाल कर रहा है। असली Pi Wallet में एक बैंगनी नेविगेशन बार और Core Team Apps का आइकन होता है, ये विजुअल पहचान यूज़र्स के लिए एक महत्वपूर्ण सेफ्टी साइन है।

सोशल मीडिया और ईमेल स्कैम, न करें भरोसा

स्कैमर्स केवल वेबसाइट्स ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया, ईमेल और यहां तक कि गूगल पर भी फेक एड्स चला रहे हैं। कई लोग फ़र्ज़ी X अकाउंट्स बनाकर खुद को Pi Network का ऑफिशियल सदस्य बताते हैं और यूज़र्स से इंटरेक्ट करते हैं।

Core Team का साफ़ कहना है कि सिर्फ 'noreply@pi.email' जैसे आधिकारिक ईमेल से ही भरोसा करें। कोई भी ऐसा मेल जिसमें आपसे पासफ़्रेज़ मांगी जाए या लिंक पर क्लिक करने को कहा जाए, वह 100% स्कैम है।

यूज़र्स को खुद कैसे बचाना चाहिए?  

हमारी राय में, Pi Network जैसे तेजी से बढ़ते प्रोजेक्ट्स में यूज़र्स को बहुत ज़्यादा सतर्क रहने की ज़रूरत है। यहां कुछ ज़रूरी कदम हैं जो हर Pioneers को उठाने चाहिए:

  1.  हमेशा URL चेक करें:  असली वॉलेट का URL केवल wallet.pinet.com होता है। कोई भी बदलाव या डॉट-मिसिंग URL स्कैम हो सकता है।
  2. कभी भी पासफ़्रेज़ शेयर न करें: चाहे कोई कितना भी विश्वास दिलाए, वॉलेट पासफ़्रेज़ सिर्फ आपके लिए है, किसी और के लिए नहीं।
  3. 2FA को ऑन रखें: Pi Network Login करते समय Two-Factor Authentication को ऑन रखे, यह आपके वॉलेट को और ज़्यादा सुरक्षित बनाता है।
  4. Pi Browser के बाहर लॉगिन न करें: केवल Pi Browser का इस्तेमाल करें और किसी दूसरे ब्राउज़र या ऐप से लॉगिन न करें।
  5. Pi Safety Center विज़िट करें: Core Team की ओर से जारी की गई सिक्योरिटी गाइडलाइन्स और वैरिफाइड ऐप्स की लिस्ट देखकर ही कोई कदम उठाएं।

इस समय जहां Pi Network अपने डेवलपमेंट फेज में है और तेजी से ग्रोथ कर रहा है, वहीं स्कैमर्स भी तेजी से एक्टिव हो रहे हैं। इसलिए जानकारी ही आपकी सबसे बड़ी ताकत है।

कन्क्लूजन

Pi Network Roadmap का पालन करते हुए टीम आगे बढ़ रही है, जिससे यह साफ़ पता चलता है कि Pi Network की ग्रोथ तेजी से हो रही है। ऐसे में स्कैमर्स भी तेज़ी से इसकी नकल कर रहे हैं। Core Team ने अपने हिस्से का काम कर दिया है, उन्होंने चेतावनी दी है, सिक्योरिटी टूल्स उपलब्ध कराए हैं और यूज़र्स को सतर्क रहने को कहा है।

अब बारी Pioneers की है। उन्हें चाहिए कि वे हर क्लिक से पहले सोचें, हर URL को जांचें और कभी भी अपनी पासफ़्रेज़ शेयर न करें। क्योंकि ब्लॉकचेन की दुनिया में एक छोटी सी गलती, हमेशा के लिए भारी पड़ सकती है।

Rohit TripathiRohit Tripathi
Rohit Tripathi
रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास टेक्नोलॉजी और डिजिटल मीडिया में 13+ वर्षों का अनुभव है। बीते कुछ वर्षों से वह विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी, ऑन-चेन एनालिटिक्स, DeFi इकोसिस्टम और टोकनॉमिक्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। रोहित की विशेषज्ञता SEO-अनुकूल, डेटा-ड्रिवन कंटेंट और इंडस्ट्री-केंद्रित रिसर्च लेख तैयार करने में है। वह वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनकी लेखनी में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देना सर्वोपरि है। वे ऑन-चेन टूल्स और विश्वसनीय मार्केट डेटा का प्रयोग करते हुए प्रत्येक लेख को फैक्ट-आधारित बनाते हैं। हिंदी भाषी रीडर्स के लिए उनका मिशन है: “हाई-क्वालिटी, फैक्चुअल और यूज़र-फर्स्ट क्रिप्टो कंटेंट उपलब्ध कराना।” LinkedIn पर प्रोफ़ाइल देखें | रोहित के लेख पढ़ें-
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