
Polygon CEO का बयान, भारत में INR Stablecoin Launch की संभावना
भारत में INR Stablecoin Launch की अटकलों को लेकर चर्चा तेज हो गई है और इसकी वजह बना है Polygon CEO Sandeep Nailwal का हालिया बयान। X पर एक प्रमुख क्रिप्टो वॉइस, Crypto India ने INR Stablecoin Launch पर Polygon CEO की भविष्यवाणी पर अपनी राय शेयर की। उन्होंने विश्वास जताया है कि भारत अगले तीन महीनों में अपना खुद का INR से जुड़ा स्टेबलकॉइन लॉन्च कर सकता है।
यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर माहौल अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे बदलाव की उम्मीद की जा रही है। Stablecoin को लेकर अगर यह भविष्यवाणी सही साबित होती है, तो यह कदम भारत के डिजिटल फाइनेंस क्षेत्र के लिए बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।

Source: यह इमेज Crypto India की X पोस्ट से ली गई है, जिसकी लिंक यहां दी है।
भारत का रुख अब बदलता नजर आ रहा है
INR Stablecoin Launch का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत पहले से ही क्रिप्टोकरेंसी के प्रति सतर्क रहा है। भारत में अब तक क्रिप्टो को लेकर सरकार और RBI का रुख कड़ा रहा है। 2018 में बैंकों को क्रिप्टो एक्सचेंज से ट्रांज़ैक्शन करने से रोक दिया गया था, लेकिन 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस बैन को हटा दिया। लेकिन इसके बावजूद क्रिप्टो पर सरकारी रुख बचा हुआ था। अब जब Polygon जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स के CEO ऐसा दावा कर रहे हैं, तो उम्मीद है कि सरकार का नजरिया भी बदल सकता है।
क्या Polygon CEO का भरोसा सच हो सकता है
नए अपडेट के अनुसार, Polygon CEO Sandeep Nailwal ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्हें पूरा विश्वास हैं कि अगले तीन महीनों में भारत अपना खुद का INR Stablecoin Launch करेगा। यह स्टेबलकॉइन भारतीय रुपये से जुड़ा होगा।
Polygon के CEO के इस बयान को लेकर लोग काफी उत्साहित हैं। माना जा रहा है कि उनके पास INR Stablecoin Launch की अंदरूनी जानकारी या कंपनी की कोई खास योजना हो सकती है। सोशल मीडिया पर भी इस खबर को फेस्टिवल की तरह देखा जा रहा है। अगर भारत वाकई INR Stablecoin Launch करता है, तो यह आम लोगों के लिए पैसों का ट्रांज़ैक्शन आसान और ट्रांसपेरेंट बना सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो अब तक सिर्फ ट्रेडिशनल बैंकिंग सिस्टम पर निर्भर थे।
रुकावटें अब भी बाकी हैं
अब भी कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। भारत में क्रिप्टो को लेकर अब तक कोई साफ कानून नहीं है। इसके साथ ही क्रिप्टो पर 1% TDS और 30% टैक्स लगता है, जो निवेशकों के लिए भारी है। कई एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर सरकार क्रिप्टो को शेयर मार्केट की तरह रेगुलेट करे, तो फायदे भी ज्यादा हो सकते हैं। फिर भी, भारत में क्रिप्टो को कानूनी रूप से परमिशन नहीं मिली है। हाई टैक्स रेट (1% TDS और 30% कैपिटल गेन्स टैक्स) क्रिप्टो की रुकावटों को बढ़ाते हैं।
क्या यह भविष्य की शुरुआत है?
Sandeep Nailwal का यह विश्वास किसी अंदरूनी जानकारी या कंपनी की स्ट्रेटेजी पर बेस्ड हो सकता है। यदि ऐसा होता है, तो यह भारत के लिए डिजिटल फाइनेंस और क्रिप्टो सेक्टर में एक नया चैप्टर साबित हो सकता है। यह कदम ट्रांसपेरेंसी, ट्रांजैक्शन की सुविधा और फाइनेंशियल इन्क्लूजन को बढ़ावा दे सकता है। अब सभी की नजरें सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के अगले फैसले पर टिकी हैं, जो इस दिशा में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
कन्क्लूजन
Polygon के CEO द्वारा INR Stablecoin Launch को लेकर किया गया दावा भारत के डिजिटल फाइनेंस सेक्टर के लिए एक बड़ा संकेत हो सकता है। अगर अगले कुछ महीनों में INR Stablecoin Launch होता है, तो इससे डिजिटल ट्रांज़ैक्शन में ट्रांसपेरेंसी और सुविधा बढ़ेगी। हालांकि चुनौतियां अब भी बाकी हैं, जैसे टैक्स नियम और रेगुलेशन की कमी, लेकिन यह पहल भारत में Crypto और Blockchain Technology को नई दिशा दे सकती है। निवेशक और टेक कम्युनिटी अब सरकार और RBI के रुख का इंतजार कर रहे हैं, जो इस बदलाव को आगे बढ़ा सकते हैं।