Ripple और US Securities and Exchange Commission (SEC) के बीच चल रहे लीगल केस में एक नया मोड़ आया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की जॉइंट सेटलमेंट पिटीशन को "Procedural Errors" के कारण खारिज कर दिया। हालांकि, Ripple के Chief Legal Officer Stuart Alderoty ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला कंपनी की कानूनी जीत को प्रभावित नहीं करता।
इस आर्टिकल में हम विस्तार से समझेंगे कि कोर्ट का फैसला क्यों आया, Ripple की क्या प्रतिक्रिया रही और इससे इन्वेस्टर्स और कम्युनिटी में क्यों हलचल मच गई है।
15 May को, New York की Southern District Court की Judge Analisa Torres ने SEC vs Ripple Case के सेटलमेंट के लिए दोनों पक्षों द्वारा दी गई जॉइंट पिटीशन को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह पिटीशन "Procedurally Incorrect" थी।
Judge Torres ने कहा कि Ripple और SEC ने सेटलमेंट के लिए जिस प्रकार से याचिका दायर की, उसमें वे जरूरी लीगल स्टैंडर्ड्स को पूरा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा, “इंजंक्शन को हटाने और जुर्माने को कम करने के लिए दोनों पक्षों ने ज़रूरी लीगल प्रोसेस को फॉलो नहीं किया।”
Ripple के लीगल हेड Stuart Alderoty ने स्पष्ट किया कि इस फैसले का Ripple की पूर्व जीत पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा, "यह केवल प्रोसेस से जुड़ी समस्या है, XRP की स्थिति पर कोई सवाल नहीं उठा है।"
March 2025 में Ripple ने घोषणा की थी कि SEC के साथ उसका केस ख़त्म हो गया है। हालांकि अब यह स्पष्ट हो गया है कि कुछ फॉर्मेलिटीज़ अभी भी बाकी हैं।
Ripple और SEC के बीच अग्रीमेंट हुआ था कि $125 मिलियन के जुर्माने को घटा दिया जाए। Ripple ने SEC को केवल $50 मिलियन देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे SEC ने स्वीकार कर लिया।
हालांकि कोर्ट का कहना है कि इस तरह राशि में कटौती के लिए लीगल प्रोसेस के तहत ठोस कारणों और नियमों का उल्लेख करना जरूरी है, जो इस याचिका में नहीं किया गया।
Ripple की टीम द्वारा दी गई अधूरी जानकारी से कई इन्वेस्टर्स और XRP Community के मेम्बर्स असंतुष्ट हैं। X पर एक यूजर ने कहा, "आपने कहा था केस खत्म हो गया है, फिर ये क्या हो रहा है?"
लोगों का कहना है कि केवल "Procedural Reasons" बताकर बात को टालना सही नहीं है और Ripple को ट्रांसपेरेंसी दिखानी चाहिए।
Ripple को लेकर एक और विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें कहा जा रहा है कि एक Ripple-Backed Lobbyist ने President Donald Trump को इस बात के लिए राज़ी किया कि XRP को National Cryptocurrency Reserve का हिस्सा बनाया जाए।
इस प्रस्ताव की Bitcoin Community ने कड़ी आलोचना की है, क्योंकि वे चाहते हैं कि केवल Bitcoin ही National Reserve बने।
Ripple और SEC भले ही आपसी सहमति से केस को सेटल करना चाह रहे हों, लेकिन कोर्ट की प्रोसेस को नजरअंदाज करना आसान नहीं होता। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि लीगल सिस्टम में रूल्स को फॉलो करना बहुत जरूरी है, चाहे दोनों पक्ष कितने भी सहमत क्यों न हों। XRP Investors के लिए यह समय विजिलेंस और ट्रांसपेरेंसी की डिमांड करता है। हालांकि Ripple की कानूनी जीत अभी भी कायम है, लेकिन प्रोसेस के हर स्टेप को सही तरीके से पूरा करना आवश्यक है, वरना एक सॉल्यूशन की ओर बढ़ते केस में भी नई उलझनें खड़ी हो सकती हैं।
यह भी पढ़िए: Binance ने किया Pi Listing का इशारा, Logo में छिपा Pi Symbolशीतल बंसोड एक क्रिप्टो राइटर हैं, जो ब्लॉकचेन और Web3 जैसे कॉम्प्लेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने में आसान तरीके से प्रस्तुत करने में एक्सपर्ट हैं। लगभग एक वर्ष के अनुभव के साथ, वह SEO-ऑप्टिमाइज्ड ब्लॉग और न्यूज़ आर्टिकल्स लिखती हैं। शीतल की लेखन शैली टेक्निकल और क्रिएटिव अप्रोच का बेहतरीन मिश्रण होती है, जो कठिन विषयों को सरल और पाठकों के लिए आकर्षक बनाती है।
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