
WazirX News, अब पाकिस्तान से कनेक्शन के चलते फंसा एक्सचेंज
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सख्ती लगातार बढ़ रही है। अब इसी सख्ती की ज़द में आया है WazirX, जिसे पाकिस्तान से जुड़े संदिग्ध क्रिप्टो ट्रांजैक्शन्स को लेकर जांच का सामना करना पड़ रहा है। भारत की Financial Intelligence Unit (FIU-IND) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Binance और WazirX दोनों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। यह जांच जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में पाकिस्तानी अकाउंट्स से जुड़े वॉलेट्स में हुए संदिग्ध ट्रांसफरों के चलते शुरू हुई है। इससे न सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका बढ़ी है, बल्कि टेरर फंडिंग के एंगल पर भी संदेह गहरा गया है।

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संदिग्ध क्रिप्टो लेनदेन और सुरक्षा खतरे
सूत्रों के मुताबिक, जांच की शुरुआत तब हुई जब अधिकारियों को जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में पाकिस्तानी वॉलेट्स से जुड़े संदिग्ध वॉलेट-टू-वॉलेट ट्रांसफर की जानकारी मिली। ये ट्रांसफर Binance और WazirX जैसे एक्सचेंजों से जुड़े न होकर सीधे निजी वॉलेट्स के बीच हुए, जिससे वे ट्रेडिशनल AML/KYC नियमों के दायरे से बाहर रहे। चूंकि इन ट्रांजैक्शन्स की कोई रिपोर्टिंग नहीं होती, इससे सरकार के लिए उनके सोर्स और डेस्टिनेशन का पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है। इसने देश की आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
WazirX पर लगे गंभीर आरोप
WazirX investigation India में पहले भी हो चुकी है, WazirX पहले भी कई बार जांच के दायरे में रहा है, लेकिन इस बार का मामला बेहद गंभीर माना जा रहा है। जुलाई 2024 में हुआ WazirX Hack में $235 मिलियन के असेट्स की चोरी हुई थी, जिसके लिए कुख्यात "Lazarus Group" को ज़िम्मेदार माना गया। चूँकि मैं एक क्रिप्टो निवेशक हूँ और मेरा WazirX पर अकाउंट था, इसमें मेरे फंड्स को भी नुकसान हुआ, क्योंकि इस हैक के बाद एक्सचेंज ने अपने ऑपरेशन को बंद कर दिया था।
लेकिन अब एक और खुलासा हुआ है कि WazirX के प्लेटफॉर्म पर हुए TRX Token ट्रांसफर कथित रूप से ISIS फंडिंग से जुड़े हो सकते हैं। यह दावा सिंगापुर कोर्ट में दाखिल एक 72-पेज की रिपोर्ट में किया गया है, जिसने एक्सचेंज की ट्रांसपेरेंसी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Binance और WazirX का रिश्ता और कानूनी उलझन
Binance और WazirX का आपसी संबंध भी इस जांच का हिस्सा है। Binance ने 2024 में भारत में वापसी की थी और FIU-IND के साथ रजिस्ट्रेशन कराते हुए $189 मिलियन का जुर्माना भरा था। हालांकि, अभी भी Binance की भारतीय बैंक अकाउंट्स को ED ने फ्रीज़ कर रखा है। WazirX, जो पहले Binance से जुड़ा हुआ था, अब स्वतंत्र रूप से ऑपरेट करता है लेकिन पुराने डेटा और तकनीकी संबंधों को देखते हुए जांच एजेंसियां दोनों के बीच की कड़ियों को गहराई से खंगाल रही हैं।
भारत का कड़ा रुख, 2025 बजट और नए नियम
भारत सरकार ने 2025 के बजट में क्रिप्टो सेक्टर के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं। अब सभी क्रिप्टो एक्सचेंजों को FIU-IND के साथ रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है, और AML तथा KYC नियमों का पालन करना ज़रूरी है। क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स और 1% TDS लागू है। लेकिन इन सब के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय ट्रांजैक्शन्स और निजी वॉलेट्स पर नियंत्रण बना पाना अब भी चुनौती बना हुआ है।
पाकिस्तान की नीति और बढ़ते जोखिम
जहां भारत क्रिप्टो पर सख्ती कर रहा है, वहीं पाकिस्तान ने हाल ही में जुलाई 2025 में Pakistan Virtual Assets Regulatory Authority (PVARA) का गठन कर क्रिप्टो ट्रेडिंग को कानूनी मान्यता दे दी है। FATF गाइडलाइंस को अपनाते हुए पाकिस्तान विदेशी निवेश आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे भारत-पाक के बीच क्रिप्टो लेन-देन को लेकर Crypto Terror Funding जैसे नए सुरक्षा खतरे उत्पन्न हो सकते हैं, खासकर जब दोनों देशों की नीतियां एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हों।
ग्लोबल ट्रेंड के साथ भारत की पहल
भारत की मौजूदा जांच केवल देश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ग्लोबल ट्रेंड का हिस्सा है। अमेरिका का DOJ हाल ही में Hamas और ISIS से जुड़े क्रिप्टो फंडिंग ऑपरेशनों को विफल कर चुका है। वहीं यूरोप की AMLA यूनिट ने क्रिप्टो एक्सचेंज लाइसेंसिंग को सख्त बना दिया है। ऐसे में भारत भी वैश्विक प्रयासों के अनुरूप अपनी नीति सख्त कर रहा है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां आंतरिक सुरक्षा को खतरा है।
राष्ट्रिय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता
मैं पिछले 13 सालो से न्यूज़ इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ हूँ और जियोपॉलिटिक्स को करीब से देखता रहा हूँ, मेरा मानना है कि WazirX और Binance जैसी बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंजों पर पाकिस्तान से जुड़े संदिग्ध लेनदेन की जांच जरूरी है, क्योंकि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। क्रिप्टो टेक्नोलॉजी का उपयोग नवाचार के लिए हो, न कि आतंकी फंडिंग के लिए। सरकार को KYC और ट्रांजैक्शन मॉनिटरिंग को और मज़बूत करना चाहिए ताकि ऐसी गतिविधियों पर समय रहते रोक लगाई जा सके और यूज़र्स का भरोसा बना रहे।
कन्क्लूजन
WazirX एक बार फिर जांच के घेरे में है, और इस बार मामला महज़ टैक्स या हैकिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। पाकिस्तान से जुड़े क्रिप्टो ट्रांजैक्शन्स, आतंकवादी फंडिंग की संभावना और WazirX की भूमिका, इन सभी बिंदुओं को लेकर सरकार बेहद गंभीर है। आने वाले दिनों में यदि इन आरोपों की पुष्टि होती है, तो WazirX को न सिर्फ कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, बल्कि भारतीय क्रिप्टो सेक्टर की साख को भी बड़ा झटका लग सकता है।