WazirX Withdrawl में फंसा पेंच, अब Binance तक पहुँचा मामला
पिछले कुछ महीनों से WazirX के यूज़र्स एक अनिश्चितता के दौर से गुज़र रहे हैं। जुलाई 2024 में हुए $250 मिलियन के WazirX हैक के बाद विड्रॉल को अस्थायी रूप से रोक दिया, जिससे लाखों यूज़र्स के फंड्स फंस गए। लेकिन अब यह मामला और जटिल हो गया है, क्योंकि WazirX का पेरेंट कंपनी Zettai और ग्लोबल क्रिप्टो एक्सचेंज Binance के बीच एक पुराना डिस्प्यूट फिर से सुर्खियों में है। आखिर यह डिस्प्यूट क्या है, और इसका WazirX यूज़र्स के विड्रॉल पर क्या असर पड़ रहा है? यह न्यूज़ आर्टिकल आपको इस मामले के बारे में पूरी जानकारी देगा, इसके कारण और मौजूदा स्थिति से रूबरू कराएगा। आइए, पहले इस डिस्प्यूट के मूल में जाएँ।
Source: यह इमेज X पोस्ट से ली गयी है, इसकी लिंक भी यहाँ दी गयी है
Zettai और Binance के डिस्प्यूट से रिलेटेड क्लॉज़
WazirX और Binance के बीच विवाद की शुरुआत 2019 में Binance के साथ की जा रही एक डील से हुई थी, जिसमे कहा गया था की Binance ने इस एक्सचेंज को एक्वायर कर लिया है। लेकिन 2022 में Binance ने दावा किया कि यह डील कभी पूरी नहीं हुई और WazirX का ऑपरेशनल कंट्रोल Zettai Pte Ltd और उसकी भारतीय सब्सिडियरी Zanmai Labs के पास ही है। दूसरी ओर, इसके को-फाउंडर Nischal Shetty का कहना है कि Binance ही WazirX का असली मालिक है और उनके पास इसके सपोर्ट में डॉक्यूमेंट्स मौजूद हैं।
Source: यह इमेज WazirX Founder Nischal Shetty की X पोस्ट से ली गयी है
यह डिस्प्यूट अब इसलिए और गंभीर हो गया है, क्योंकि WazirX के Restructuring प्रोसेस में शामिल किए गए क्लॉज़ में यह शामिल है की फण्ड डिस्ट्रीब्यूशन की इस प्रोसेस में Zettai से Zanmai India को होने वाला फण्ड ट्रान्सफर से जुड़ा Operation Transfer Agreement, Binance और Zettai के बीच चल रहे डिस्प्यूट के आउटपुट पर निर्भर करेगा। ऐसे में WazirX विड्रॉल का मामला फिर से फंसता नजर आ रहा है।
Zettai और WazirX के बीच कनेक्शन
Zettai Pte Ltd, सिंगापुर में रजिस्टर्ड एक कंपनी है, जो WazirX की पेरेंट कंपनी के तौर पर काम करती है। 2017 में Zanmai Labs की स्थापना के बाद, भारत में क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शंस पर RBI के बैन के कारण Zettai को 2019 में बनाया गया। इसका मकसद था क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो ट्रेडिंग को मैनेज करना, जबकि Zanmai भारत में INR सर्विसेज़ को हैंडल करती रही।
Zettai का रोल: Zettai के पास इस एक्सचेंज के क्रिप्टो वॉलेट्स और ट्रेडिंग ऑपरेशंस का कंट्रोल था। जुलाई 2024 के हैक में Zettai के मल्टी-सिग वॉलेट से $230 मिलियन की चोरी हुई, जो इसके कुल रिज़र्व का 45% था।
Binance का इनवॉल्वमेंट: WazirX का दावा है कि Binance ने 2019 में Zettai के ज़रिए उनके क्रिप्टो ऑपरेशंस को कंट्रोल किया। लेकिन Binance का कहना है कि Zettai ने उनके साथ किए गए कॉन्ट्रैक्ट की शर्तें पूरी नहीं कीं, जिसके कारण डील रद्द हो गई।
Source: यह इमेज Binance Founder CZ की X पोस्ट से ली गयी है
Zettai और Binance के बीच का यह कॉन्फ्लिक्ट अब यूज़र्स के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गया है। सवाल यह है कि क्या इस डिस्प्यूट की वजह से विड्रोल में और देरी होगी?
क्या डिले हो सकता है WazirX Withdrawl?
जुलाई 2024 के हैक के बाद इस एक्सचेंज ने INR और क्रिप्टो विड्रोल को पूरी तरह रोक दिया था। हालाँकि, बाद में INR विड्रोल आंशिक रूप से शुरू किया गया, लेकिन क्रिप्टो विड्रोल अब तक बंद हैं। इसका कारण WazirX का सिंगापुर में चल रहा Restructuring प्रोसेस है, जिसके तहत कंपनी अपने यूज़र्स को 55-57% फंड्स रिकवर करने का प्लान बना रही है।
Restructuring का असर: Kroll Singapore, जो इस प्रोसेस को मैनेज कर रही है, ने बताया कि Zettai के पास मौजूदा लिक्विड एसेट्स $284 मिलियन हैं, जबकि यूज़र्स के प्रति उनकी देनदारी $546 मिलियन है। इसका मतलब है कि यूज़र्स को पूरा रिफंड मिलना मुश्किल है।
Binance-Zettai डिस्प्यूट: X पर यूज़र्स के बीच इस बात की चर्चा है कि विड्रोल तब तक शुरू नहीं हो सकते, जब तक Binance और Zettai के बीच एक Operations Transfer Agreement (OTA) पर सहमति नहीं बन जाती। यह एक कॉन्फिडेंशियल एग्रीमेंट है, जिसके डिटेल्स सार्वजनिक नहीं हैं।
इस डिस्प्यूट की वजह से यूज़र्स में गुस्सा बढ़ रहा है। कई यूज़र्स ने X पर शिकायत की है कि उन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट और दूसरी ज़रूरतों के लिए फंड्स की सख्त ज़रूरत है। अब सवाल यह है कि यह मामला कानूनी और टेक्निकल मोर्चे पर कहाँ तक पहुँचा है?
अब तक कहाँ पहुँचा है WazirX Restructuring का मामला
WazirX और Binance के बीच यह डिस्प्यूट अब कानूनी और रेगुलेटरी लेवल पर काम्प्लेक्स हो चुका है। सिंगापुर हाई कोर्ट ने जून 2025 में WazirX की Restructuring स्कीम को खारिज कर दिया था, लेकिन जुलाई 2025 में कोर्ट ने Zettai को एक रिवोट की इजाज़त दी और उसका मोरेटोरियम बढ़ा दिया।
रेगुलेटरी जांच: भारत में Enforcement Directorate (ED) और Financial Intelligence Unit (FIU) ने WazirX और Binance दोनों की जांच शुरू की है। अक्टूबर 2024 में ED ने इस एक्सचेंज के सर्वर लॉग्स और ट्रांज़ैक्शन ट्रेल्स की जाँच की, लेकिन अभी तक कोई गड़बड़ी साबित नहीं हुई है।
यूज़र सेंटिमेंट: X पर यूज़र्स का गुस्सा साफ दिख रहा है। कुछ यूज़र्स का कहना है कि एक्सचेंज ने इस डिस्प्यूट के बारे में पहले से क्लियर कम्युनिकेशन नहीं किया।
इस बीच, WazirX ने कहा है कि वह फंड्स रिकवर करने के लिए इंटरनेशनल एक्सचेंजों के साथ पार्टनरशिप की तलाश कर रहा है। लेकिन Binance के इनकार और Zettai के सीमित रिसोर्सेज़ के चलते यह प्रोसेस और लंबा खिंच सकता है।
क्या होगा अगला कदम?
WazirX का यह संकट न सिर्फ यूज़र्स के लिए, बल्कि पूरे भारतीय क्रिप्टो मार्केट के लिए एक सबक है। Binance और Zettai के बीच डिस्प्यूट का हल निकलना इसलिए ज़रूरी है, क्योंकि यह 4.4 मिलियन यूज़र्स के फंड्स की रिकवरी से जुड़ा है। सिंगापुर कोर्ट में चल रहे Restructuring प्रोसेस और भारत में रेगुलेटरी जांच इस मामले को और काम्प्लेक्स बना सकती हैं। यूज़र्स के लिए सलाह यही है कि वे अपने क्रिप्टो एसेट्स को सिक्योर ऑफलाइन वॉलेट्स में स्टोर करें और मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें।
WazirX और Binance को इस डिस्प्यूट को जल्द से जल्द सुलझाने की ज़रूरत है, ताकि यूज़र्स का भरोसा क्रिप्टो मार्केट में बना रहे। अगर आप WazirX यूज़र हैं, तो अपने फंड्स की सिक्योरिटी के लिए लेटेस्ट अपडेट्स पर नज़र रखें और ऑफिशियल सोर्सेज़ से ही जानकारी लें।