CoinSwitch Report on Crypto Investment Trends in India
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भारत में Crypto Investment पर CoinSwitch की रिपोर्ट में क्या आया सामने

GenZ ने क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट के मामले में Millennials को पीछे छोड़ा

भारत में डिजिटल एसेट मार्केट तेजी से बदल रहा है। CoinSwitch की हालिया रिपोर्ट “India’s Crypto Portfolio Q3 2025: How India Invests” ने देश में बढ़ते Crypto Adoption के नए ट्रेंड्स पर रोशनी डाली है।
रिपोर्ट के मुताबिक, India में Generation Z (Gen Z) यानी 18–25 वर्ष के युवा अब सबसे बड़े क्रिप्टो इन्वेस्टर ग्रुप के रूप में उभरे हैं। वहीं दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों के साथ-साथ जयपुर, लखनऊ और पटना जैसे टियर-2 शहरों में भी तेजी से Crypto Investment बढ़ रहा है। 

गौरतलब है कि भारत दुनिया भर में Crypto Adoption के मामले में पहले नंबर पर है, ऐसे में इस रिपोर्ट का महत्त्व और भी बढ़ जाता है।

भारत में Crypto Investment पर CoinSwitch की रिपोर्ट में क्या आया सामने

Source: यह इमेज CoinSwitch की रिपोर्ट से ली गयी है। 

भारत के कौन-से शहरों में हैं सबसे ज्यादा Crypto Investor

CoinSwitch की रिपोर्ट बताती है कि मेट्रो शहर अब भी भारत के क्रिप्टो सेंटर बने हुए हैं, दिल्ली (19.3%) आगे है, इसके बाद बेंगलुरु (8.9%) और मुंबई (7.0%) का स्थान है।
लेकिन इस बार जो बड़ा बदलाव देखने को मिला है, वो यह कि Tier-2 शहरों में Crypto Adoption में जबरदस्त उछाल आया है। जयपुर, लखनऊ और पटना जैसे शहर अब नए Crypto Hub के रूप में उभर रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कोलकाता ने निवेश के लिहाज से सबसे बेहतर प्रदर्शन किया, जहां 77% पोर्टफोलियो मुनाफे में रहे।

CoinSwitch के वाइस प्रेसिडेंट Balaji Srihari ने कहा “भारत का क्रिप्टोकरेंसी मार्केट अब बड़े शहरों से निकलकर छोटे शहरों में फैल रहा है। यह फाइनेंशियल एम्पावरमेंट की दिशा में बड़ा कदम है।”

किन क्रिप्टोकरेंसी में ज्यादा इन्वेस्ट कर रहे भारतीय

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय निवेशक अब अधिकतर Large-cap Cryptocurrency में भरोसा जता रहे हैं।
सबसे ज्यादा निवेश Bitcoin (7.2%), Dogecoin (6.1%) और Ethereum (4.9%) में किया गया है।
सात में से दस टॉप टोकन Large-cap Coins हैं, जो दर्शाता है कि भारतीय निवेशक अब यूटिलिटी और लॉन्ग टर्म स्ट्रेटेजी को आधार बना कर ट्रेड कर रहे हैं।

ट्रेडिंग के मामले में Ethereum (8.9%), Ripple-XRP (7.6%) और Bitcoin (7.6%) सबसे ज्यादा पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी हैं।

वहीं, शहरों के आधार पर इन्वेस्टमेंट पैटर्न भी काफी दिलचस्प रहा:

  • मुंबई ने Blue-Chip Investments में बढ़त बनाई है (37.4%)
  • हैदराबाद Large-Cap में टॉप पर रहा (37.3%)
  • पटना Mid-Cap Holdings में (42%) सबसे आगे रहा है
  • जयपुर ने Small-Cap Portfolios (9.4%) में बढ़त बनाई
Crypto Investment में Gen Z सबसे आगे

रिपोर्ट का सबसे अहम पहलू यह है कि Gen Z (18–25) ने Millennials (26–35 और 36–45) को पीछे छोड़ते हुए पहली बार देश के सबसे बड़े क्रिप्टो इन्वेस्टर ग्रुप के रूप में जगह बनाई है।
Gen Z निवेशक अब कुल इन्वेस्टर बेस का 37.6% हिस्सा हैं, जबकि Millennials 37.3% पर हैं।
यह बदलाव इस ओर इशारा करता है कि युवा पीढ़ी क्रिप्टोकरेंसी को न सिर्फ High-risk Asset बल्कि Long-term Wealth Creation Tool के रूप में भी देख रही है।

CoinSwitch के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि जुलाई 2025 इस क्वार्टर का सबसे सक्रिय महीना रहा, जब Bitcoin की रैली और US GENIUS Act पारित होने से ट्रेडिंग वॉल्यूम में उछाल आया।

Mature हो रहा है भारत का डिजिटल करेंसी मार्केट

मेरे क्रिप्टो मार्केट में 6 वर्षों के अनुभव के आधार पर में यह कह सकता हूँ कि CoinSwitch रिपोर्ट से साफ झलकता है कि Crypto Adoption in India अब केवल ट्रेंड नहीं, बल्कि एक विकसित हो रही फाइनेंशियल रेवॉल्यूशन का हिस्सा है।
Gen Z की सक्रियता, Tier-2 शहरों की भागीदारी और यूटिलिटी आधारित इन्वेस्टमेंट एप्रोच, ये सभी संकेत हैं कि भारत का क्रिप्टो मार्केट धीरे-धीरे मेच्योरिटी की ओर बढ़ रहा है।

जहां पहले लोग सिर्फ क्विक प्रॉफिट के लिए निवेश करते थे, अब वे Portfolio Diversification और लॉन्ग टर्म स्ट्रेटेजी पर ध्यान दे रहे हैं।
यह बदलाव न सिर्फ इन्वेस्टर की मेंटेलिटी में विकास दिखाता है, बल्कि भारत की Web3 Economy के भविष्य को लेकर भी पॉजिटिव संकेत दे रहा है।

कन्क्लूज़न

CoinSwitch Q3 2025 Report से यह स्पष्ट है कि Crypto Adoption in India अब सिर्फ टॉप सिटी या मिलेनियल्स तक सीमित नहीं रहा।
Gen Z की बढ़ती भागीदारी, छोटे शहरों की मजबूत उपस्थिति और निवेशकों की मानसिकता में बदलाव, ये सब दर्शाते हैं कि भारत का क्रिप्टो इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है।

भविष्य में यदि सरकार स्पष्ट Regulatory Framework लेकर आती है, तो भारत न केवल क्रिप्टो इनोवेशन का हब बन सकता है, बल्कि ग्लोबल लेवल पर बड़ी डिजिटल एसेट इकोनोमी के रूप में भी उभर सकता है।

Disclaimer: यह आर्टिकल केवल एजुकेशन के पर्पस से लिखा गया है। क्रिप्टो मार्केट वोलेटाइल है, किसी भी इन्वेस्टमेंट से पहले अपनी रिसर्च जरुर करें।

About the Author Ronak Ghatiya

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

Ronak Ghatiya एक उभरते हुए क्रिप्टो कंटेंट राइटर हैं, जिनका एजुकेशन और टेक्नोलॉजी में मजबूत बैकग्राउंड रहा है। उन्होंने पिछले 6 वर्ष में फाइनेंस, ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट्स जैसे विषयों पर डेटा-ड्रिवन और SEO-अनुकूल कंटेंट लिखा है, जो नए और प्रोफेशनल रीडर्स दोनों के लिए उपयोगी साबित हुआ है। रोनक की लेखनी का फोकस जटिल तकनीकी टॉपिक्स को आसान भाषा में समझाना है, जिससे क्रिप्टो स्पेस में ट्रस्ट और क्लैरिटी बनी रहे।

उन्होंने CoinGabbar.com, Medium और अन्य क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए ब्लॉग्स और न्यूज़ स्टोरीज़ लिखी हैं, जिनमें क्रिएटिविटी और रिसर्च का संतुलन होता है। रोनक की स्टाइल डिटेल-ओरिएंटेड और रिस्पॉन्सिव है, और वह तेजी से बदलते क्रिप्टो परिदृश्य में एक विश्वसनीय आवाज़ बनने की ओर अग्रसर हैं। LinkedIn पर प्रोफ़ाइल देखें या उनके आर्टिकल्स यहाँ पढ़ें।

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CoinSwitch की रिपोर्ट 'India’s Crypto Portfolio Q3 2025: How India Invests' बताती है कि भारत में Crypto Adoption तेजी से बढ़ रहा है, खासकर Gen Z और Tier-2 शहरों में।
भारत में Crypto Adoption इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि युवा निवेशक अब क्रिप्टो को केवल High-risk Asset नहीं, बल्कि Long-term Wealth Creation Tool के रूप में देख रहे हैं।
CoinSwitch रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली (19.3%), बेंगलुरु (8.9%) और मुंबई (7.0%) भारत के शीर्ष क्रिप्टो निवेश केंद्र हैं। वहीं जयपुर, लखनऊ और पटना जैसे Tier-2 शहरों में भी तेजी से वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार Gen Z निवेशक अब कुल क्रिप्टो इन्वेस्टर बेस का 37.6% हिस्सा हैं, जिससे वे भारत का सबसे बड़ा निवेशक समूह बन गए हैं।
भारतीय निवेशक मुख्य रूप से Bitcoin (7.2%), Dogecoin (6.1%) और Ethereum (4.9%) जैसी Large-cap क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं।
मुंबई ने Blue-Chip Investments में, हैदराबाद ने Large-Cap में, पटना ने Mid-Cap में और जयपुर ने Small-Cap Portfolios में बढ़त बनाई है।
Tier-2 शहर जैसे जयपुर, लखनऊ और पटना अब नए क्रिप्टो हब के रूप में उभर रहे हैं, जिससे पता चलता है कि क्रिप्टो निवेश अब केवल मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं रहा।
रिपोर्ट से स्पष्ट है कि भारत का क्रिप्टो मार्केट अब मेच्योरिटी की ओर बढ़ रहा है — निवेशक अब Utility, Diversification और Long-term Strategy पर ध्यान दे रहे हैं।
अगर सरकार स्पष्ट Regulatory Framework लाती है, तो भारत ग्लोबल लेवल पर डिजिटल एसेट इनोवेशन का प्रमुख केंद्र बन सकता है।
नहीं, यह रिपोर्ट और लेख केवल एजुकेशन के उद्देश्य से हैं। क्रिप्टो मार्केट वोलाटाइल है, इसलिए निवेश से पहले स्वयं रिसर्च करना जरूरी है।