Mr Mint Crypto Scam
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Mr. Mint Crypto Scam, दो लोगों ने मिलकर रचा 100 करोड़ का Crypto Fraud

Mr Mint के अर्श से फर्श तक पहुँचने की पूरी कहानी 

साल 2022 का वो दौर जब क्रिप्टोकरेंसी का जादू हर तरफ़ फैला हुआ था। बिटकॉइन आसमान छू रहा था, NFT का बूम चल रहा था और मेटावर्स की चमकदार दुनिया हर इन्वेस्टर्स को लुभा रही थी। इसी हंगामे में भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के एक छोटे से शहर अंबिकापुर से दो भाई जैसे दोस्त उभरे जिनका नाम- बलविंदर सिंह छाबड़ा और राहुल भदौरिया है। 

इन दोनों ने मिलकर एक ऐसा प्रोजेक्ट लॉन्च किया जो वादा करता था, "सस्टेनेबल एनर्जी से क्रिप्टो माइनिंग, NFT का मज़ा और प्ले-टू-अर्न गेम्स, सब एक साथ और वो भी बिना किसी रिस्क के"। नाम था Mr. Mint और इसका टोकन था MNT। लेकिन ये कहानी किसी सुपरहीरो की नहीं बल्कि एक बड़े धोखे की थी।

आइए, इसकी पूरी कहानी चर्चा करते हैं शुरुआत से लेकर पर्दा गिरने तक।

Mr Mint क्रिप्टो माइनिंग के बहाने रचा गया ठगी का प्लान

साल 2022 में बलविंदर और राहुल ने मिस्टर मिंट को लॉन्च किया। उनकी वेबसाइट mrmint.io पर लिखा था, वर्ल्ड्स फर्स्ट टोकन बैक्ड बाय Crypto Mining। 

Mr. Mint Crypto Scam, दो लोगों ने मिलकर रचा 100 करोड़ का Crypto Fraud

Source- यह इमेज Mr Mint की ऑफिशियल वेबसाइट से ली गई है।

इन्होने लोगों के बीच प्रोजेक्ट के बारे में कई फर्जी बातें फैलाई, जैसे 

  • क्रिप्टो माइनिंग फार्म्स-  दुबई और कनाडा में चार बड़े माइनिंग फार्म्स, कुल 2 मेगावाट की कैपेसिटी वाले जो सस्ती और ग्रीन एनर्जी से चलते हैं। निवेशक माइनिंग रिग्स खरीद सकते थे, और कंपनी सब कुछ हैंडल करती। 4 साल के कॉन्ट्रैक्ट में रोज़ाना प्रॉफिट मिलता बिना किसी झंझट के।
  • एनएफटी और मेटावर्स-  मल्टी यूटिलिटी एनएफटी जो प्ले-टू-अर्न गेम्स में इस्तेमाल हो सकते थे। मेटावर्स में वर्चुअल प्रॉपर्टी खरीदो, गेम खेलो और कमाओ।
  • MNT Token-  ये एसेट बैक्ड टोकन था जो माइनिंग से कमाई पर टिका हुआ था। Presale में खरीदो और हाई रिटर्न्स का सालाना 2 से 4 गुना तक का वादा किया।

सोशल मीडिया पर Mr Mint कैंपेन चलाया गया। फेसबुक पेज पर हजारों लाइक्स, टेलीग्राम ग्रुप्स में हज़ारों मेंबर्स। खासकर भारत में जहां क्रिप्टो का क्रेज़ चरम पर था, छोटे-छोटे निवेशक इसकी ओर आकर्षित हुए। बलविंदर खुद को विज़नरी फाउंडर बताता, इंटरव्यू देता और वादा करता कि हम वेब 3.0 का फ्यूचर हैं। 

शुरुआत में छोटे छोटे पेमेंट्स भेजकर ट्रस्ट बनाया। लोग खुश हुए, सोशल मीडिया पर रिव्यूज शेयर करने लगे। लेकिन ये तो बस चारा था असली खेल तो अभी शुरू होने वाला था।

लालच का जाल फैलाकर इन्वेस्टर्स को फसाना

जैसे-जैसे 2023 से 2024 आया प्रोजेक्ट ने पंख फैलाने शुरू कर दिए। mrmining.net जैसी साइट्स लॉन्च हुईं जहां लोग माइनिंग कॉन्ट्रैक्ट्स खरीदते। इनका वादा था कि S9 या S19Pro+ रिग्स से रोज़ $50 से $100 तक की कमाई बिना बिजली का खर्च लेकिन बिटकॉइन माइनिंग में इतना प्रॉफिट मिलना नामुमकिन था। 

रेडिट पर लोग सवाल उठाने लगे कि क्या ये एक स्कैम है?  लेकिन मिस्टर मिंट के प्रमोटर्स जवाब देते कि हमारे फार्म्स रियल हैं चाहो तो चेक कर लो।

Mr Mint की खुली पोल, जब झूठी कमाई का खेल सामने आया

Mr. Mint के नए निवेशकों के पैसे से पुराने को पेमेंट्स को सेटल किया जाने लगा। ऑफिस वर्कर्स, छोटे बिज़नेसमैन सब धीरे धीरे फंसते चले गए। एक यूजर ने शेयर किया कि उसने 1 लाख रूपए लगाए,  शुरुआत में तो 10% रिटर्न मिला लेकिन फिर सब रुक सा गया। 

टेलीग्राम पर 5,000+ मेंबर्स वाले ग्रुप्स में सक्सेस स्टोरीज शेयर होती रहतीं लेकिन बैकग्राउंड में बलविंदर और राहुल पैसे कलेक्ट किए जा रहे थे।

दोनों का स्कैम का तरीका सिंपल था जैसे

  • हाई रिटर्न्स का लालच देना-  2 से 4 गुना सालाना हाई रिटर्न्स का लालच देकर लोगों को फ़साना।
  • फेक प्रूफ-  फोटोज ऑफ माइनिंग फार्म्स के फेक रिव्यूज़ देना।
  • प्रेशर टैक्टिक्स- लिमिटेड टाइम ऑफर दिखाकर जल्दी से इन्वेस्ट करवाना।
  • एग्ज़िट ब्लॉक-  जब लोग विड्रॉ करना जाते तो वेरिफिकेशन डिपॉज़िट मांगते और फिर गायब हो जाते।

सपनों से सलाखों तक, जब खुला फरेब का ताला

साल 2025 तक शिकायतों का पहाड़ खड़ा हो गया। पीड़ितों ने साइबर क्राइम पोर्टल पर केस दर्ज करावाए। अक्टूबर 2025 में मुंबई पुलिस ने Mr Mint Crypto Scam के मुख्य आरोपी बलविंदर सिंह छाबड़ा को अंबिकापुर से गिरफ्तार किया। 

राहुल भदौरिया की गिरफ्तारी अभी तक नही हुई हो पायी है वो अभी भी फरार है और इसकी छानबीन चल रही है।

पुलिस की जांच में हुआ खुलासा
  • सिर्फ़ कागज़ी दावे दिखाए गये कोई भी फार्म्स रियल नहीं थे।
  • MNT Token वैल्यूलेस था कोई रियल बैकिंग नहीं थी।
  • पैसे कन्वर्ट होकर प्राइवेट वॉलेट्स में जा रहे थे।
  • इस Crypto Scam का टोटल अमाउंट लगभग 100 करोड़ रुपये से भी अधिक है और 1 करोड़ से ज्यादा लोग इस स्कैम पीड़ित बताये जा रहे हैं।

Reddit और X पर इसकी स्टोरी वायरल हुई। फेसबुक पर अलर्ट वीडियोज चल रहे Mr Mint ऐप डाउनलोड मत करो। स्कैम एडवाइज़र जैसी साइट्स ने इसे संदिग्ध रेटिंग दी लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

इस स्कैम ने सिखाया, क्रिप्टो में भरोसा नहीं रिसर्च ज़रूरी है
  • DYOR-  कंपनी के फाउंडर्स चेक करो, व्हाइटपेपर पढ़ो, थर्ड पार्टी ऑडिट देखो।
  • रेड फ्लैग्स-  हाई रिटर्न्स, गारंटीड प्रॉफिट, फेक प्रूफ हों तो दूर ही रहें।
  • रिपोर्ट करो-  अगर स्कैम का शिकार हो जाते हैं तो cybercrime.gov.in पर FIR करवाएं।
  • सेफ इन्वेस्ट-  सिर्फ़ रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म्स जैसे WazirX, CoinDCX यूज करिए और कभी वेरिफिकेशन के नाम पर एक्स्ट्रा पैसे मत दीजिये।
कन्क्लूजन

Mr Mint Scam सिर्फ़ एक धोखाधड़ी की कहानी नहीं है, बल्कि एक आईना है जो हमें दिखाता है कि क्रिप्टो की चमकदार दुनिया में झूठ कितनी आसानी से सुनहरी लग सकती है।

बलविंदर सिंह और राहुल भदौरिया ने अपने फेक विज़न और झूठे दावों से निवेशकों का भरोसा तोड़ा और यही भरोसा किसी भी मार्केट की सबसे बड़ी ताकत होता है। इस केस ने यह साबित कर दिया कि बिना ठोस रिसर्च, डॉक्यूमेंटेशन और ट्रांसपेरेंसी के किसी भी प्रोजेक्ट पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए।
Disclaimer- यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। क्रिप्टो मार्केट काफ़ी वोलेटाइल है, इसलिए निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें।

About the Author Shubham Sharma

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

Shubham Sharma पिछले 4 वर्षों से Web3, ब्लॉकचेन, NFT और क्रिप्टोकरेंसी पर गहराई से लेखन कर रहे हैं। वे मार्केट ट्रेंड्स को जल्दी पहचानने, तकनीकी अपडेट्स को सरल भाषा में समझाने और भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को विश्वसनीय जानकारी प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। Shubham ने कई प्रमुख क्रिप्टो मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए योगदान दिया है और उनका उद्देश्य पाठकों को तेजी से बदलती Web3 दुनिया में सटीक, निष्पक्ष और इनसाइटफुल कंटेंट देना है।

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Mr. Mint एक फर्जी क्रिप्टो प्रोजेक्ट था जिसे 2022 में बलविंदर सिंह छाबड़ा और राहुल भदौरिया ने लॉन्च किया था। इसका दावा था कि यह सस्टेनेबल एनर्जी से क्रिप्टो माइनिंग और NFT गेमिंग प्लेटफॉर्म है, लेकिन असल में यह एक ठगी का जाल था।
इस स्कैम के दो मुख्य आरोपी बलविंदर सिंह छाबड़ा और राहुल भदौरिया हैं। बलविंदर को 2025 में मुंबई पुलिस ने अंबिकापुर से गिरफ्तार किया, जबकि राहुल अब भी फरार है।
Mr. Mint ने हाई रिटर्न्स का लालच दिया, फेक माइनिंग फार्म्स दिखाए, लिमिटेड टाइम ऑफर के बहाने इन्वेस्ट करवाया और फिर विड्रॉल के समय वेरिफिकेशन डिपॉज़िट के नाम पर पैसे लेकर गायब हो गया।
MNT Token को एसेट-बैक्ड बताकर प्रमोट किया गया था, लेकिन जांच में पाया गया कि इसकी कोई रियल वैल्यू या बैकिंग नहीं थी। यह पूरी तरह से एक फेक टोकन था।
पुलिस की जांच के अनुसार, Mr. Mint Scam में करीब 500 से ज्यादा निवेशक फंसे और कुल ठगी की राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है।
जांच में पता चला कि कोई भी माइनिंग फार्म असल में मौजूद नहीं था, टोकन की कोई वैल्यू नहीं थी और निवेशकों के पैसे प्राइवेट वॉलेट्स में ट्रांसफर कर दिए गए थे।
प्रोजेक्ट ने सोशल मीडिया पर फेक रिव्यू, आकर्षक वेबसाइट और हाई रिटर्न्स के वादों से निवेशकों का विश्वास जीता। शुरुआती पेमेंट्स देकर भरोसा बनाया गया ताकि ज्यादा लोग फंसें।
हाँ, Reddit और X (Twitter) पर कई यूजर्स ने सवाल उठाए थे और कुछ साइट्स जैसे Scam Advisor ने इसे संदिग्ध बताया था, लेकिन तब तक कई लोग निवेश कर चुके थे।
अगर आप किसी क्रिप्टो स्कैम के शिकार बनते हैं तो तुरंत cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें और संबंधित पुलिस थाने में FIR करवाएँ।
इस स्कैम से सीख मिलती है कि किसी भी क्रिप्टो प्रोजेक्ट में निवेश से पहले DYOR करें, फाउंडर्स की पहचान, ऑडिट रिपोर्ट और कंपनी की ट्रांसपेरेंसी जरूर जांचें।