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रूस का Sberbank लाया BTC-linked Bond, क्या है इसके मायने

रूस की सबसे बड़ी बैंक Sberbank ने एक ऐसा इन्वेस्टमेंट बॉन्ड लॉन्च किया है जो जिसका रिटर्न Bitcoin की परफॉर्मेंस और US डॉलर को फॉलो करेगा। ये प्रोडक्ट फिलहाल सिर्फ चुनिंदा क्वालिफाइड इन्वेस्टर्स के लिए अवेलेबल है, लेकिन यह लॉन्च एक बड़ा संकेत है कि अब रूस अब क्रिप्टो को ज़्यादा गंभीरता से लेने लगे हैं।

गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले, रूस के सेंट्रल बैंक (Bank of Russia) ने ऑफिशियली कन्फर्म किया था कि फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन अब रूस के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के दायरे में काम करते हुए सिलेक्टेड इन्वेस्टर्स को क्रिप्टो-लिंक्ड प्रोडक्ट्स ऑफर कर सकते हैं।

रूस का Sberbank लाया BTC-linked Bond, क्या है इसके मायने

कैसे काम करता है Sberbank का यह नया बॉन्ड?

Sberbank का यह नया बॉन्ड दो प्रमुख इंडिकेटर्स को ट्रैक करेगा:

  1. बिटकॉइन की फ्यूचर परफॉर्मेंस ।
  2. US डॉलर और रूसी रूबल के बीच एक्सचेंज रेट।

खास बात यह है कि इन्वेस्टर्स को सीधे तौर पर क्रिप्टोकरेंसी रखने या किसी इंटरनेशनल एक्सचेंज पर रजिस्टर करने की ज़रूरत नहीं है। सारा प्रोसेस रूबल में होगा और पूरी तरह से रूसी रेगुलेशन के तहत ऑपरेट करेगा।

Sberbank का लॉन्ग टर्म प्लान

Sberbank की प्लानिंग केवल इस Bitcoin-linked बांड तक ही लिमिटेड नहीं है। बैंक ने यह भी घोषणा की है कि वह आगे और भी क्रिप्टो-एक्सपोज़्ड स्ट्रक्चर्ड इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स Moscow Exchange पर लाएगा। इसके अलावा, 4 जून को SberInvestments प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए बिटकॉइन फ्यूचर्स प्रोडक्ट भी लॉन्च करने वाला है।

यह रूसी फाइनेंशियल सेक्टर में एक बड़ा और इम्पोर्टेन्ट चैंज है। जहां कुछ समय पहले तक रूस डिजिटल एसेट्स को लेकर असमंजस की स्थिति में था, वहीं अब रेगुलेटरी कंट्रोल बनाए रखते हुए इन्वेस्टर्स को बिटकॉइन जैसे डिजिटल एसेट तक एक्सपोज़र देने की कोशिश की जा रही है।

रूस में क्रिप्टो बढ़ा रहा है अपना असर 

भले ही रूसी सरकार की ओर से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अब तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हों, लेकिन ग्राउंड पर इसे लेकर रूसी इन्वेस्टर्स की दिलचस्पी तेज़ी से बढ़ रही है। यही कारण है कि Sberbank जैसे गवर्नमेंट कंट्रोल्ड बैंक क्रिप्टो मार्केट में उतर रहे हैं।

Statista के आंकड़ों के अनुसार, 2025 के अंत तक रूस में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का टोटल रेवेन्यू 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है और सिर्फ एक साल के भीतर, यानी 2026 तक, यह आंकड़ा 3.9 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, जो कि 68% से अधिक की ग्रोथ रेट को दर्शाता है।

2025 में रूस में प्रति यूजर एवरेज रेवेन्यू $55.2 रहने का अनुमान है। वहीं, क्रिप्टोकरेंसी यूज़र पेनिट्रेशन 2025 में 29.06% से बढ़कर 2026 में 30.88% तक पहुंच सकता है। यानी हर तीन में से एक रूसी नागरिक क्रिप्टो से किसी न किसी रूप में जुड़ा होगा।

रूस की क्रिप्टो को लेकर हाइब्रिड अप्रोच: बैलेंस बनाने का प्रयास  

Sberbank का यह कदम दिखता है की रूस क्रिप्टो पर सरकारी कण्ट्रोल रखते हुए इन्वेस्टर्स को नए ऑप्शन देने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले अप्रैल 2025 में रुसी फाइनेंस मिनिस्टर की और से हाई वैल्यू इन्वेस्टर्स के लिए Crypto Exchange लाने की बात कही गयी थी। यह एक तरह की हाइब्रिड अप्रोच है जिसमें ट्रेडिशनल बैंकिंग स्ट्रक्चर और डिजिटल एसेट्स को साथ लाने की कोशिश की जा रही है। 

रूस लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सतर्क रवैया अपनाता रहा है। लेकिन  लेकिन बढ़ते हुए यूजर बेस को देखते हुए रेगुलेटेड प्रोडक्ट्स के जरिये बैलेंस बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।

कन्क्लूज़न

Sberbank का क्रिप्टो-लिंक्ड बॉन्ड न सिर्फ एक नया इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है लेकिन इससे बढ़कर यह रूस की बदलती सोच का प्रतीक है। अब तक जहां क्रिप्टोकरेंसी खतरा मानकर उससे बचा जा रहा था, वहीं अब इन्हें ट्रेडिशनल फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स का यूज़ करके मैनेज करने का प्रयास किया जा रहा है।

आने वाले समय में अगर Sberbank जैसे बड़े बैंक और ऐसे प्रोडक्ट्स पेश करते हैं, तो यह न केवल रूसी क्रिप्टो इन्वेस्टर्स को फायदा पहुचाएंगे बल्कि क्रिप्टोकरेंसी के ग्लोबल एडॉप्शन को एक नया बूस्ट दे सकते हैं।

Ronak GhatiyaRonak Ghatiya
Ronak Ghatiya
Hindi Content Writer
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